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Oxygen Crisis: ऑक्सीजन की कमी से दिल्ली में 20, अमृतसर में 6 और ग्वालियर में 3 मरीजों की मौत

Oxygen Crisis:digi desk/BHN/ देश के अस्पतालों में जारी ऑक्सीजन संकट के बीच देश के तीन शहरों से बुरी खबर आ रही है। राजधानी दिल्ली में 20 मरीजों की मौत हो गई जबकि अमृतसर में 6, तो ग्वालियर में 3 मरीजों की मौत हो गई।राजधानी दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, जिन मरीजों की मौत हुई है वे कोरोना से संक्रमित थे और उन्हेंं हाई फ्लो ऑक्सीजन की जरूरत थी। ऑक्सीजन का फ्लो कम होने के कारण इन मरीजों की मौत हो गई। इनकी स्थिति पहले ही गंभीर चल रही थी। अस्पताल प्रबंधन लगातार सरकार के सम्पर्क में है और ऑक्सीजन की आपूर्ति बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं राजधानी के सरोज हॉस्पिटल ने ऑक्सीजन की कमी के कारण नए मरीजों की भर्ती रोक दी है। वहीं कुछ मरीजों की छुट्टी भी की जा रही है। अमृतसर के नीलकंठ अस्पताल के साथ ही ग्वालियर के जयारोग्य में भी ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मचा है।

इसी तरह राजधानी के बत्रा अस्पताल के एमडी डॉ. एससीएल गुप्ता ने कहा, 12 घंटे की फरियाद के बाद केवल 500-लीटर ऑक्सीजन प्राप्त हुआ है, जबकि हमारी दैनिक आवश्यकता 8000 लीटर है। अस्पताल में हमारे 350 मरीज हैं। COVID के इलाज में ऑक्सीजन जरूरी है लेकिन जब हमें यह नहीं मिलेगी तो इलाज कैसे करेंगे?

जूनियर डाक्टराें ने प्रबंधन काे बताया था, टैंक में ऑक्सीजन खत्म हाे गई, जल्द इंतजाम कराे, लेकिन रात तक नहीं सुनी

ग्वालियर/ जेएएच के मेडिसिन वार्ड के जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार दाेपहर ही जेएएच प्रबंधन को बता दिया था कि टैंक में ऑक्सीजन खत्म हाे चुकी है। सिलिंडराें से काम चलाया जा रहा है। ऑक्सीजन का जल्द इंतजाम करें, लेकिन प्रबंधन ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया और रात 11 बजे ऑक्सीजन खत्म होने पर हड़कंप मच गया। अफरा तफरी का माहौल हो गया और जूनियर डाक्टराें ने पचास रेजीडेंट डाक्टराें काे बुलाकर पत्थर वाली इमारत में मरीजाें काे शिफ्ट करना शुरू किया तब जाकर प्रबंधन जागा। इसके बाद एसडीआे सिक्स व ट्रामा में भी ऑक्सीजन खत्म हाे गई। जिसके बाद वहां से भी मरीजाें काे शिफ्ट किया गया। मरीजों के स्वजन सामान और उपकरण लेकर दौड़ते दिखे तो कोई अपने मरीज को संभाल रहा था। स्वजनों का आक्रोश साफ था और प्रबंधन को कोस रहे थे। तीन मृतकाें के स्वजनाें का सब्र का बांध टूट गया। वे डाक्टराें काे काेसने लगे और लापरवाही का आराेप लगाया। उनका कहना था कि हमारा मरीज अस्पताल की लापरवाही के कारण चला गया। यहां ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह ताेमर और विधायक प्रवीण पाठक भी पहुंच गए।

बड़ी चूक: ऐसे कैसे खत्म हो गई ऑक्सीजन
इस मामले में जेएएच प्रबंधन की बड़ी चूक सामने आई है। मेडिसिन वार्ड में अचानक से ऑक्सीजन नहीं खत्म हुई होगी,पहले से जिम्मेदार प्रबंधन क्या कर रहा था। डयूटी डाक्टरों ने ऑक्सीजन को लेकर चेताया, तब भी कान पर जूं नहीं रेंगी और आखिरकार एक मौत हो गई व तमाम स्वजनाें की सांसे फूल गईं। यह गैर कोविड गंभीर मरीज हैं, जिन्हें जरा सी देर ऑक्सीजन के बिना रखना जान पर भारी पड़ सकता है। यह जानते हुए भी इतनी बड़ी लापरवाही हो गई।

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