Coronavirus:digi desk/BHN/ जबलपुर/ कोरोना संक्रमण के उपचार में उपयोगी फेवी फ्लू टेबलेट, रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कमी मरीजों और अस्पताल संचालकों को खून के आंसू रुला रही है। बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक शहर के तमाम सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती 15 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की सूचना मिल रही है। ज्यादातर मरीजों की मौत के पीछे ऑक्सीजन की कमी को कारण बताया जा रहा है। हालांकि अब तक स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने इस मामले को लेकर कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया है लेकिन अस्पताल सूत्रों का कहना है कि इन मौतों के पीछे मुख्य वजह संसाधन की कमी है। जिन अस्पतालों में मरीजों की मौत की सूचना सामने आई है, उनमें सुख सागर मेडिकल कॉलेज अस्पताल, सिटी अस्पताल, लाइफ मेडिसिटी अस्पताल, ट्रू केयर अस्पताल, आशीष अस्पताल, भंडारी अस्पताल, संस्कारधानी अस्पताल, रेलवे हॉस्पिटल, विक्टोरिया हॉस्पिटल, मार्बल सिटी अस्पताल समेत अन्य शामिल हैं।
मरीज को डिस्चार्ज कराकर ले जाओ
शहर के तमाम प्राइवेट प्रैक्टिशनर कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं कुछ प्राइवेट प्रैक्टिशनर ने क्लीनिक पर पहुंचे मरीजों की जांच की और कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने पर उन्हें निजी अस्पतालों में भर्ती करा दिया। अस्पताल संचालक चिकित्सकों को सूचना दे रहे हैं कि वह अपने मरीजों को डिस्चार्ज करवाकर ले जाएं।
देर रात तक चला अंतिम संस्कार
गढ़ा क्षेत्र स्थित चौहानी मुक्तिधाम में देर रात तक कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता रहा। मुक्तिधाम में जलाए गए शवों के चिता की आग ठंडी भी नहीं हो पाई थी की गुरुवार सुबह से फिर वही सिलसिला शुरू हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि ऑक्सीजन समेत अन्य संसाधनों की कमी के कारण जिले में गुरुवार को कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु का आंकड़ा काफी बढ़ सकता है।