- लोकायुक्त ने की कार्रवाई, टेबल की दराज में रखवाए थे रुपये
- एवज में छह हजार रुपये बतौर रिश्वत की मांग की गई थी
- ठेकेदार की शिकायत पर लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया
उज्जैन। लोकायुक्त ने गुरुवार को वाणिज्य कर विभाग में पदस्थ दो महिला अधिकारियों को 3500 रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए एक ठेकेदार ने एक माह पूर्व आवेदन किया था। जिसके एवज में छह हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। ठेकेदार की शिकायत पर लोकायुक्त ने गुरुवार को कार्रवाई कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि दीपसिंह निवासी महावीर बाग कालोनी इंदौर रोड ठेकेदार है। दीपसिंह राधा कांट्रेक्टर के नाम से फर्म संचालित करता है।
उसने उज्जैन-बदनावर रोड निर्माण कर रही जीआर कंपनी से सीमेंट व गिट्टी का काम ले रखा है। कार्य पूरा होने के बाद कंपनी ने दीपसिंह को जीएसटी नंबर देने के लिए कहा था।
नंबर नहीं होने के कारण दीपसिंह ने 23 अगस्त को आवेदन दिया था। इसके बाद से ही उससे जीएसटी कार्यालय में पदस्थ राज्य कर निरीक्षक विजया भिलाला व सहायक ग्रेड तीन किरण जोशी द्वारा छह हजार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। साढ़े तीन हजार रुपये में बात तय की गई थी।
इस पर दीपसिंह ने लोकायुक्त को शिकायत की थी। गुरुवार को दीपसिंह रुपये लेकर जीएसटी कार्यालय पहुंचा था। जहां उसने किरण जोशी को फोन किया था। जोशी ने उससे फोन पर कहा कि उसकी टेबल की दराज में रुपये रख दें। इसके बाद निरीक्षक विजया भिलाला ने किरण की टेबल की दराज खोल दी थी।
उसमें दीपसिंह ने साढ़े तीन हजार रुपये रख दिए। उसी दौरान किरण जोशी भी मौके पर आ गई। लोकायुक्त ने रिश्वत लेने के मामले में किरण जोशी व इंस्पेक्टर विजया भिलाला को गिरफ्तार कर रुपये जब्त कर लिए।
परेशान होकर लोक अदालत पहुंच गया था ठेकेदार
दीपसिंह परेशान होकर शनिवार को आयोजित लोक अदालत में पहुंच गया था। वहां एक अधिकारी ने उसे लोकायुक्त को शिकायत करने की सलाह दी थी। जिस पर उसने लोकायुक्त कार्यालय जाकर वहां शिकायत की थी। जिसके बाद लोकायुक्त ने कार्रवाई को अंजाम दिया है।