Friday , September 20 2024
Breaking News

कान्हा टाईगर रिजर्व में हाथी रिजुविनेशन केम्प का आयोजन

कान्हा टाईगर रिजर्व  में हाथी रिजुविनेशन केम्प का आयोजन     

यहां होती है हाथियों की शाही सेवा

     मंडला
 विश्व विख्यात कान्हा टाईगर रिजर्व में विभागीय हाथियों का प्रबंधन का इतिहास रहा है। वर्तमान में कुल 16 हाथी उपलब्ध है। इनमें से कुछ हाथियो को देश के विभिन्न हाथी मेलों से क्रय किया गया है तथा कुछ हाथियों की पैदाइश राष्ट्रीय उद्यान में ही हुई है। प्रांरभ से ही इन हाथियों का कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में प्रमुख उपयोग वन्यप्राणियों की सुरक्षा हेतु गश्ती कार्य में किया जाता रहा है, किन्तु कालान्तर में इनका उपयोग पर्यटन प्रबंधन में भी किया जा रहा है। हाथियों एवं उनके महावत तथा संलग्न कर्मचारियों के वर्ष पर्यन्त कठिन परिश्रम के फलस्वरूप हुई थकान एवं स्वास्थ्य विषयक कारणों से आराम की आवश्यकता होती है। जिसके लिए उन्हें एक सप्ताह का विश्राम दिया जाता है। जिसे हाथी पुर्नयौविनिकरण (रिजुविनेशन) सप्ताह कहा जाता है।

    इस वर्ष हाथी रिजुविनेशन केम्प का शुभारंभ दिनांक 15.09.2024 को किया जाकर दिनांक 20.09.2024 को समापन किया गया। इस अवधि के दौरान 16 विभागीय हाथियों के स्वास्थ्य की विशेष देख-रेख की गई। इस दौरान सभी महावत एवं चाराकटर विभागीय हाथियों को पूर्ण आराम के अतिरिक्त उनकी विशेष सेवा में रहे तथा हाथियों को अतिरिक्त खुराक/विटामिन्स/मिनरल/फल-फूल आदि परोसे गये। इस अवसर पर हाथियों की सेवा में लगे समस्त महावतों एवं चाराकटरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन श्री एस.के.सिंह क्षेत्र संचालक कान्हा टाईगर रिजर्व के मार्गदर्शन अनुसार संपन्न किया गया। सप्ताह भर विशेष कार्यक्रम के दौरान श्री पुनीत गोयल उप संचालक कोर, सुश्री अमीता के.बी. उप संचालक बफर जोन वनमंडल एवं कान्हा टाईगर रिजर्व अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

    इस अवधि में प्रतिदिन प्रातः चाराकटर द्वारा हाथियों को जंगल से लाकर नहलाकर रिजुविनेशन केम्प में लाया जाता है एवं केम्प में हाथियों के पैर में नीम तेल तथा सिर में अरण्डी तेल की मालिश की जाती है। इसके पश्चात् गन्ना, केला, मक्का, आम, अनानास, नारियल आदि खिलाकर जंगल में छोड़ा जाता है। दोपहर मेें हाथियों को जंगल से पुनः वापस लाकर एवं नहलाकर केम्प मेें लाया जाता है। इसके पश्चात् केम्प में रोटी, गुड नारियल, पपीता खिलाकर उन्हें पुनः जंगल में छोड़ा जाता है।
रिजुविनेशन केम्प के दौरान हाथियों के रक्त के नमूने जांच हेतु लिये जाते है। हाथियों के नाखूनों की ट्रिमिंग, दवा द्वारा पेट के कृमियों की सफाई तथा हाथी दांत की आवश्यतानुसार कटाई की जाती है।
ऐसे केम्प के आयोजन से एक ओर जहां हाथियों में नई ऊर्जा का संचार होता है एवं मानसिक आराम मिलता है, वहीं इन सामाजिक प्राणियों को एक साथ समय बिताने का अनोखा अवसर प्राप्त होता है।

About rishi pandit

Check Also

गुना कलेक्टर ने स्वच्छता पखवाड़े में लिया हिस्सा, पार्क में जाकर की सफाई

गुना  शहर में कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह ने खुद आगे बढ़कर स्वच्छता का संदेश दिया …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *