Saturday , November 23 2024
Breaking News

देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 20 सितंबर को फैक्ट्री से आएगी बाहर, मौसम के हिसाब से अनुकूल हो जाएगा वंदे स्लीपर का एसी

नई दिल्ली
वंदे भारत मेट्रो के बाद अब देश की पहली वंदे भारत का स्लीपर वर्जन भी बनकर तैयार है। नई ट्रेन फैक्ट्री से 20 सितंबर को बाहर आ जाएगी। रेलवे ने दो महीने के ट्रायल के बाद दिसंबर से यात्रियों के लिए उपलब्थ कराने का लक्ष्य रखा है। सुविधा, सुरक्षा, आराम और दक्षता के लिहाज से इसे राजधानी एवं शताब्दी ट्रेनों से ज्यादा बेहतर डिजाइन किया गया है। मौसम और जरूरत के हिसाब से इसकी वातानुकूलित बोगियां तापमान को अपने-आप एडजस्ट कर लेंगी। कूलिंग कम करने या बढ़ाने के लिए बोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सफर के दौरान यात्रियों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलता रहेगा।

वंदे भारत एवं वंदे मेट्रो से अलग स्लीपर वर्जन को लंबे रूट पर चलाया जाना है। इसे आठ सौ से 12 सौ किलोमीटर की दूरी वाले शहरों के बीच चलाया जाएगा। सामान्य रफ्तार प्रतिघंटा 130 से 160 किलोमीटर की रहेगी। हवाई जहाज के बिजनेस क्लास के सफर की तरह अनुभूति होगी। वंदे स्लीपर वर्जन में राजधानी एवं शताब्दी ट्रेनों की तुलना में सुविधाएं विश्वस्तरीय होंगी। कैमरा, उच्चस्तरीय फायर सेफ्टी, दिव्यांगों के लिए विशेष बर्थ और शौचालय, स्वचालित दरवाजे, सेंसर आधारित इंटर कम्युनिकेशन डोर, सामान रखने के लिए बड़ा लगेज रूम चार्जिंग, रीडिंग लाइट, इनसाइड डिस्प्ले पैनल एवं माड्यूलर पैंट्री की सुविधाएं होंगी।

यात्रियों के लिए गर्म पानी से स्नान की सुविधा
प्रथम श्रेणी के डिब्बे में यात्रियों के लिए गर्म पानी से स्नान की सुविधा है। ऐसे में किराया दस से 15 प्रतिशत तक अधिक हो सकता है। एसी कोच को इस तरह डिजाइन किया गया है कि चलती ट्रेन में आक्सीजन की कमी महसूस न हो सके। कोरोना के बाद से इसे जरूरी समझा जा रहा था, क्योंकि एसी कोच में आक्सीजन का स्तर प्रति व्यक्ति औसतन करीब 0.25 घनमीटर तक रहता है, जिसे बढ़ाकर 0.35 घनमीटर तक करने की व्यवस्था कर दी गई है।

बोगियों में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया है
प्रत्येक कोच का वजन लगभग दो टन से कम है। इससे ऊर्जा दक्षता में सुधार होगा और कार्बन फुटप्रिंट में कमी आएगी, जो रेल परिवहन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा। सुरक्षा के लिहाज से बोगियों में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया है। दो ट्रेनों की टक्कर को रोकने के लिए पूरी तरह कवच प्रणाली लगी रहेगी।

823 यात्रियों की क्षमता
वंदे स्लीपर में तीन श्रेणियों की बोगियां होंगी। कुल 16 बोगियों वाली ट्रेन में एक फेरे में कुल 823 यात्री सोकर सफर कर सकते हैं। एसी थ्री टियर की 11 बोगियां होंगी, जिनमें कुल 611 भयात्रियों की क्षमता होगी। एसी टू टियर की चार बोगियां होंगी जिनमें कुल 188 यात्री सफर कर सकेंगे। प्रथम श्रेणी की सिर्फ एक बोगी होगी, जिसकी क्षमता 24 यात्रियों की होगी। हालांकि रेलवे की यह भी तैयारी है कि जिन रूटों पर यात्रियों की भीड़ ज्यादा रहेगी, उनपर अधिकतम 24 बोगियां भी लगाई जा सकती हैं।

About rishi pandit

Check Also

विधायकों के आवासों पर 16 नवंबर को हुई तोड़फोड़ तथा आगजनी की घटना में शामिल होने के आरोप में दो गिरफ्तार

इंफाल इंफाल घाटी में विधायकों के आवासों पर 16 नवंबर को हुई तोड़फोड़ तथा आगजनी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *