हरपालपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ पूरे प्रदेश में शासकीय या निजी भूमि के अलावा मंदिर की जमीनों को मुक्त कराने के लिए एंटी भू माफिया अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन हरपालपुर में इसका असर नहीं दिख रहा था। हरपालपुर कस्बे में बस स्टैंड के पास कई जमीनों के मालिकों को फायदा पहुंचाने की नीयत से मंदिर की जमीन पर मनरेगा योजना के तहत सड़क बना दी गई। यह मामला उजागर होने पर एसडीएम ने इस सड़क निर्माण कार्य की जांच के निर्देश दिए हैं। पटवारी ने मौके पर जाकर जांच भी की है।
हरपालपुर कस्बे में नेशनल हाइवे के किनारे दुकानों का निर्माण कराया गया, तो बस स्टैंड से सटी हुई मंदिर की जमीन पर मनरेगा के तहत सड़क बना दी गई। दरअसल बस स्टैंड के पीछे बिना शासकीय स्वीकृत के प्लाटिंग की जा रही है। यहां भू-माफियाओं की मंशा थी कि अगर बस स्टैंड के बगल से सीधा रास्ता जमीन तक मिल जाए, तो जमीन के दाम बढ़ जाएंगे। इसका फायदा पीछे जमीन वालों को मिलता और उनकी जमीन महंगे दामों में बिकती। इसी सोच से भू-माफियाओं ने रानीपुरा पंचायत के सरपंच से सांठगांठ की और मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण करके सड़क बनाने की जुगत लगा ली।
मनरेगा के तहत यहां सड़क बनने की जानकारी करीब एक वर्ष पहले जागरूक लोगों ने तहसीलदार को दी थी। तत्कालीन तहसीलदार ने रास्ते में खंभे गड़वाए और तार की बारी लगवाकर रास्ते को बंद करवा दिया था। जैसे ही तहसीलदार सेवानिवृत हुए, वैसे ही दोबारा भू माफियाओं ने यहां रास्ता बनाना शुरू करके मुरम डलवा दी। एसडीएम विनय द्विवेदी ने तहसीलदार को जांच के निर्देश दिए। तहसीलदार पीयूष दीक्षित ने पटवारी आंशु पांडेय को मौके पर भेजकर पूरे मामले की जानकारी मंगाई है। पटवारी ने गुरूवार को मंदिर की जमीन पर डलने वाली सडक़ का मौका मुआयना किया है।