- ग्वालियर में एक हजार बिस्तर अस्पताल में भर्ती मरीजों को किया डिस्चार्ज
- इलाज न मिलने के चलते कुछ मरीज स्वयं ही छुट्टी कराकर जा रहे
- जूनियर डॉक्टरों ने सेवाओं को बहाल करने जीआरएमसी अधिष्ठाता को सौंपा पत्र
ग्वालियर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भले ही जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करने का पत्र गजराराजा मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता को दे दिया, लेकिन रविवार की शाम तक जूनियर डॉक्टर एक हजार बिस्तर के अस्पताल के विभागों में नजर नहीं आए।
इस कारण वार्डों में भर्ती मरीजों को यह कहकर डिस्चार्ज कर दिया गया कि अभी जाओ बाद में आकर दिखा देना। ऐसे भी कुछ मरीज थे, जिनको इलाज न मिल पाने के कारण स्वजन छुट्टी कराकर ले गए। जूनियर डॉक्टरों के काम पर नहीं लौटने के कारण अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं अभी भी चरमराई हुई हैं।
बांग्लादेश में हुए बलातकार का मामला
कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या को लेकर रविवार को भी जूनियर डॉक्टरों ने एक हजार बिस्तर अस्पताल में दो घंटे विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान जूनियर डाक्टरों ने मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धाजंलि दी।
इधर जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के बाद से मेडिसिन, सर्जरी, आर्थोपेडिक सहित अन्य विभागों के वार्ड खाली से हो गए। वार्ड में गिने चुने मरीज ही भर्ती हैं। मेडिसिन विभाग में हालात यह है कि मरीजों को डिस्चार्ज कर दवा लिखकर बाद में आने को कहा जा रहा है।
परेशान हो कर लौटे मरीज
हड़ताल के दौरान भर्ती हुए मरीज के स्वजन इलाज न मिलने से परेशान होकर वापस लौट रहे हैं। स्वजन बोले- दवा लिखकर कर दिया डिस्चार्ज मुरैना जौरा निवासी महाराज सिंह बुधवार को एक हजार बिस्तर अस्पताल में मेडिसिन विभाग में भर्ती हुए थे। रविवार को उन्हें यह कहते हुए डिस्चार्ज कर दिया गया कि अभी जाओ सात दिन बाद आकर दिखा लेना, जबकि महाराज सिंह पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हुए हैं।
स्वजन का कहना था कि हम चाहते थे कि उन्हें अभी भर्ती रखा जाए, लेकिन हड़ताल की बात कहकर छुट्टी कर दी गई। अब वापस गांव जा रहे हैं। इलाज न मिलने से परेशान हो करा ले गए डिस्चार्ज मेहगांव निवासी बाबी को बुखार आने के कारण शनिवार को हड़ताल के बीच मेडिसिन विभाग में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज न मिलने के कारण स्वजन ने रविवार को उसे डिस्चार्ज करा लिया। उनका कहना था अस्पताल में कोई देखरेख नहीं कर रहा था। बुखार जा ही नहीं रहा।
उन्हें देखने की कहते हैं तो हड़ताल की बात कहकर शांत कर दिया जाता है, इसलिए छुट्टी कराकर ले जा रहे हैं। सेवाएं बहाल करने का दिया पत्र, कहा-शांतिपूर्ण संघर्ष चलता रहेगा जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के काम पर लौटने के आदेश दिए जाने के बाद रविवार को जीआरएमसी अधिष्ठाता डॉ. आरकेएस धाकड़ को सेवाएं बहाल करने का पत्र दिया।
इसमें कहा कि सांकेतिक हड़ताल न्यायालय की अगली सुनवाई तक स्थगित की जाती है। इसके साथ ही ऐलान किया कि न्याय के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष जैसे चल रहा है, वैसे ही अगली सुनवाई तक चलता रहेगा। पत्र देने वालों में जूडा अध्यक्ष डा. नारायण हरि शर्मा, सचिव आदित्य खरे सहित अन्य जूनियर डॉक्टर मौजूद थे।