भोपाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस में अब कॉरपोरेट कल्चर आ गया है। पीसीसी के ऑफिस में अब समय से काम होगा। भोपाल स्थित कांग्रेस दफ्तर के बाहर टाइमिंग का बोर्ड लगा हुआ है। इस बोर्ड पर काम करने का समय लिखा हुआ है। बोर्ड के अनुसार कांग्रेस दफ्तर में सुबह 11 बजे से शाम को छह बजे तक काम होगा। इसके बाद छुट्टी हो जाएगी। साथ ही रविवार को भी अवकाश रहेगा। बोर्ड के वीडियो सामने आते ही बीजेपी ने कांग्रेस को लपेट लिया है। इसके बाद कांग्रेस के ही नेता ने बोर्ड को तोड़कर फेंक दिया है।
काम का समय तय
दरअसल, बोर्ड की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कांग्रेस नेता अमित शर्मा दफ्तर पहुंचे और बोर्ड हटवा दिया। हालांकि, बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को निशाने पर ले लिया। बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने लिखा कि कॉरपोरेट कल्चर से चलेगी अब मध्य प्रदेश कांग्रेस। पार्टी ऑफिस के बाहर लगाए गए बोर्ड पर लिखा है कि सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक काम होगा। रविवार को अवकाश रहेगा।
नरेंद्र सलूजा ने लिखा कि रविवार को कांग्रेसजन छुट्टी पर रहकर मस्त रहेंगे। क्या करें, मौसम का असर जो है। वहीं, इस बोर्ड को लेकर लोगों में गुस्सा भी देखने को मिला। कुछ लोगों ने बोर्ड तोड़ दिया। लोगों ने इस कदम को अजीब बताया। लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी राजनीतिक दल ने अपने दफ्तर के लिए इस तरह का समय निर्धारित किया है।
इस घटना से साफ़ है कि राजनीतिक दल भी अब कॉर्पोरेट कल्चर को अपना रहे हैं। हालांकि, आम जनता को अब भी उम्मीद है कि राजनीतिक दल उनके लिए हर समय उपलब्ध रहेंगे, न कि किसी निश्चित समय के लिए। हालांकि कांग्रेस की तरफ से वायरल वीडियो पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
दरअसल, गुरुवार सुबह जब लोग भोपाल स्थित मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पहुंचे तो गेट पर एक बोर्ड लगा दिखा. जिसपर लिखा था- ''पीसीसी कार्यालय के कार्य का समय सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक है और रविवार अवकाश रहेगा.'' इस बोर्ड की तस्वीरें जैसे ही वायरल हुई कांग्रेस नेता अमित शर्मा कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और बोर्ड को हटा दिया.
उधर, बीजेपी ने इस पर तंज कसा है. BJP प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने 'X' पर लिखा, ''कारपोरेट कल्चर से चलेगी अब जीतू पटवारी की मध्यप्रदेश कांग्रेस, सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक, रविवार अवकाश. पीसीसी के बाहर लगा बोर्ड. शाम 6 बजे के बाद और रविवार कांग्रेसजन छुट्टी पर रहकर मस्त रहेंगे. क्या करें, मौसम का असर जो है. इस फैसले को लेकर आक्रोश भी सामने आ गया. कुछ लोगो ने बोर्ड तोड़ कर फेंका. अजीबोगरीब फैसले लेने वाली जीतू पटवारी की कांग्रेस. देश के इतिहास में पहली बार किसी राजनैतिक दल ने इस तरह का समय का निर्णय लिया है…''