National pune porsche crash probe panel for action juvenile justice board procedural lapses in granting bail to minor: digi desk/BHN/पुणे/ 19 मई को कल्याणी नगर इलाके में दो आईटी पेशेवरों की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। मामले ने पूरे देश में उस वक्त तूल पकड़ लिया था, जब जेजेबी के सदस्य एलएन दानवड़े ने आरोपी को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने सहित बहुत ही नरम शर्तों पर जमानत दे दी थी।
पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में नाबालिग आरोपी को जमानत दिए जाने के मामले में किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के दो सदस्यों के खिलाफ जांच कर रहे पैनल ने बड़ी सिफारिश की है। समिति के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि प्रक्रियात्मक चूक के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
दरअसल, 19 मई को कल्याणी नगर इलाके में दो आईटी पेशेवरों की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उनकी मोटरसाइकिल को तेज रफ्तार पोर्श कार ने टक्कर मार दी थी, जिसे कथित तौर पर नशे में धुत नाबालिग चला रहा था। मामले ने पूरे देश में उस वक्त तूल पकड़ लिया था, जब जेजेबी के सदस्य एलएन दानवड़े ने आरोपी को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने सहित बहुत ही नरम शर्तों पर जमानत दे दी थी।
इसके बाद महाराष्ट्र के महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने आरोपी नाबालिग को जमानत देने वाले जेजेबी के दो सदस्यों की जांच करने के लिए समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में प्रक्रियागत खामियों, अनियमितता और नियमों का पालन नहीं किए जाने जैसे विषयों पर बात की है। डब्ल्यूसीडी की ओर से गठित समिति ने जांच के तहत जेजेबी के दोनों सदस्यों के बयान भी दर्ज किए।
डब्ल्यूसीडी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्ता पर बताया कि रिपोर्ट में समिति ने प्रक्रियागत खामी के लिए जेजेबी के दो सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है। तथ्यों के आधार पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उनके जवाब संतोषजनक नहीं थे, इसलिए हमने राज्य सरकार को पत्र लिखकर दोनों सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव किया है।
क्या है मामला?
दरअसल, कुछ दोस्त पार्टी करने के बाद 19 मई को तड़के करीब सवा तीन बजे मोटरसाइकिल से लौट रहे थे। तभी तेज गति से आ रही पोर्शे कार ने कल्याणी नगर चौराहे पर उनमें से एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। मोटरसाइकिल पर सवार अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्टा की मौत हो गई। दोनों की उम्र 24 वर्ष थी। वे आईटी पेशेवर थे और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। किशोर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-304 (गैर इरादतन हत्या) और मोटरवाहन अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।