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MP: नासा के डार्ट मिशन ने दो वर्ष पूर्व बदली है क्षुद्रग्रह की दिशा

  1. आंचलिक विज्ञान केंद्र में अंतरराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस मनाया गया
  2. नासा के वैज्ञानिक थामस एस स्टेटलर का भोपाल के विद्यार्थियों से संवाद
  3. विद्यार्थियों को क्षुद्रग्रह के बारे में जानकारी दी और सवालों के जवाब भी दिए

Madhya pradesh bhopal bhopal news nasas dart mission changed the direction of the asteroid two years ago: djgj desk/BHN/भोपाल/ अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने अंतरिक्ष की रहस्यमयी दुनिया के सबसे ज्यादा राज खोले हैं। खगोलीय विज्ञान के अचंभित कारनामों को लेकर विद्यार्थी से लेकर विद्वानों के बीच दुनियाभर में चर्चा होती रही है। नासा के ऐसे ही एक वैज्ञानिक थामस एस स्टेटलर गुरुवार को भोपाल के विद्यार्थियों से रूबरू हुए। राजधानी के आंचलिक विज्ञान केंद्र में संवाद कार्यक्रम हुआ।

प्रश्न- धरती से क्षुद्रग्रह मापने का क्या यंत्र है?

उत्तर- यंत्र के रूप में रडार टेक्नोलाजी होती है। इसके अलावा भी विभिन्न स्पेस एजेंसी कई तकनीकों का विकास कर रही हैं।

प्रश्न- यदि किसी स्टार ट्रैकर के साथ कोई समस्या होती है तो उसे कैसे मालूम करें?

उत्तर- स्टार ट्रैकर सैटेलाइट का एक हिस्सा होता है, जो उसे दिशा प्रदान करता है। स्पेस थ्री डाइमेंशनल होता है और सैटेलाइट स्पेस में 360 डिग्री घूमती है, उसे रेफरेंस प्वाइन्ट चाहिए होता है। स्टार ट्रैकर उसे किसी भी स्टार के माध्यम से दिशा देता है। वैज्ञानिकों के पास कई स्टार्स की जानकारी है और उन्हीं स्टार को आधार बनाकर स्टार ट्रैकर को दिशा दी जाती है।

प्रश्न- कोई खगोलीय पिंड कितना पुराना है और किस धातु से बना है, उसके बारे में कैसे पता करते हैं? 

उत्तर- स्पेक्ट्रोस्कोप के माध्यम से इसकी जानकारी ली जा सकती है। ये स्पेसक्राफ्ट का यंत्र होता है, जो खगोलीय पिंड के गुण धर्म को समझने के लिए सहायक होता है।

प्रश्न 4- क्या क्षुद्रग्रह में गुरुत्वाकर्षण बल होता है?

उत्तर- ब्रह्मांड की हर उस वस्तु में गुरुत्वाकर्षण बल होता है, जिसमें मास होता है। गुरुत्वाकर्षण कितना होगा, यह बात उस वस्तु के आकार और द्रव्यमान पर निर्भर होती है।

प्रश्न 5 – आखिर क्षुद्रग्रह धरती पर क्यों टकराते हैं?

उत्तर- हजारों लाखों पिंड एस्टेरोयाड रिंग में घूमते हैं। यदि एक दो में भी टक्कर होती है, वे आपस में टकराते हैं तो उनका रास्ता बदल जाता है। इससे कभी वे पृथ्वी की ओर आ जाते हैं। हमें हर तरह के क्षुद्रग्रह से खतरा नहीं है, बल्कि सिर्फ बड़े आकार के क्षुद्रग्रह से ही खतरा होता है, क्योंकि छोटे क्षुद्रग्रह वातावरण के घर्षण के कारण गर्मी में ही जल जाते हैं, जबकि बड़े क्षुद्रग्रह धरती पर टकराते हैं तो इससे काफी हानि हो सकती है।

प्रश्न- क्या किसी क्षुद्रग्रह को धरती पर टकराने से बचाया जा सकता है?

उत्तर- नासा का डार्ट मिशन बिल्कुल इसके लिए बनाया गया है। दो वर्ष पूर्व हमने एक क्षुद्रग्रह की दिशा बदलने का प्रयास किया था। कुछ मिलीमीटर प्रति सेकेंड के अनुसार उसकी दिशा बदली भी गई थी। हालांकि वह क्षुद्रग्रह प्रथ्वी की ओर नहीं आ रहा था, लेकिन हमने बस ऐसा चेक किया कि क्या ये संभव है, तो बिल्कुल ऐसा हुआ और आगे इस दिशा में और भी कार्य किया जाना है।

सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष में फंसे होने पर बोले नासा के वैज्ञानिक

कार्यक्रम के अंत में नईदुनिया की ओर से साइंस सेंटर के कोआर्डिनेटर साकेत सिंह कौरव ने वैज्ञानिक थामस एस स्टेटलर से प्रश्न पूछा कि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर अंतरिक्ष में फंस गए हैं। अमेरिकी रिपोर्ट्स के अनुसार गैस लीक होना इसकी वजह है, इसमें क्या सच्चाई है। थामस ने उत्तर दिया- सुनीता और बुच आठ दिवसीय स्पेस मिशन के लिए बोइंग के स्टारलाइनर एयरक्राफ्ट से अंतरिक्ष में गए थे। मिशन में क्या कमी रह गई इसकी मैं पुष्टि नहीं कर सकता। यह जानकारी ह्यूमन एस्ट्रोनोट डिवीजन के वैज्ञानिक ही साझा कर सकेंगे।

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