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Vegetable Price: हीटवेव से जल रहे पौधे, ‘लाल’ हो रहीं हरी सब्जियां, बिगड़ रहा किचन का बजट

National vegetable price hike plants green vegetables are burning due to heatwave kitchen budget is getting spoiled: digi desk/BHN/दिल्ली/ उत्तर भारत समेत राजधानी दिल्ली में इन दिनों भीषण गर्मी का सामना कर रही है। इसका सीधा असर अब लोगों की किचन और बजट पर दिखाई दे रहा है। हीटवेव के कारण फल-सब्जियों की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है। पिछले एक हफ्ते में कई सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। बढ़ते तापमान के कारण खेतों में हरी सब्जियों के पौधे भी जल गए हैं। इससे जिससे आवक प्रभावित हुई है।

एक तरफ तापमान और तेज धूप की वजह से खेतों में ही हरी सब्जियां के पौधे सूख रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ जो कुछ सब्जियां मंडी तक पहुंच रही हैं। वह भी भीषण गर्मी के कारण खराब हो रही है। टमाटर, घीया, तोरई की फसल नष्ट हो गई है, इसका असर अब बाजारों पर 50 फीसदी तक दामों में उछाल देखने को मिल रहा है। दिल्ली-एनसीआर की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी के व्यापारियों का कहना है कि ज्यादा गर्मी से हरी सब्जियों की सप्लाई घटी है। हिमाचल वाले टमाटर का 25 किलो का क्रेट 1000 रुपये में बिक रहा है। कर्नाटक का हाल यह है कि वहां खेत से ही टमाटर 40 रुपये के भाव में उठ रहा है।

शिमला मिर्च का होलसेल प्राइस हफ्तेभर पहले 50-60 रुपये किलो था। वह अब 100-110 रुपये किलो है। नींबू पहले जो 80 से 100 रुपये किलो का बिक रहा था, वह अब 160 रुपये किलो तक पहुंच गया है। अदरक 150 से 170 रुपये किलो चल रहा है। ऐसा ही हाल फलों का भी है। सेब, आम, अनार, पपीता, तरबूज, खरबूजा, मौसमी, नारियल पानी जैसे फलों के रेट में 25 से 30 परसेंट तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि हरी सब्जियों का भाव चढ़ने से आलू की डिमांड बढ़ी है, लेकिन सप्लाई वैसी नहीं है। क्योंकि आलू मुख्य रुपये से यूपी-बंगाल से आता है। ठंड में मौसम खराब होने से उपज कम रह गई थी। जो आलू कोल्ड स्टोरेज से बाहर आ गया था, वह भी अब खराब हो रहा है।

तेज धूप में खेत में जल रहीं सब्जियां
भीषण तपिश और हीट वेव का असर हरी सब्जियों के पौधों पर भी दिखाई दे रहा है। सब्जियों के विक्रेताओं का कहना है कि किसान इस मौसम में चाहे कितना भी पानी दें, लौकी-घीया की बेल जल रही हैं। भिंडी-टमाटर का पौधा भी झुलस सा गया है। सुबह-शाम पानी देने के बावजूद पौधे नहीं बच पा रहे हैं। भीषण गर्मी और कम बारिश की वजह से सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी हो रही है। बढ़ती महंगाई को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी की वजह से महंगाई दर ऊंची बनी रहेगी। विक्रेताओं का अनुमान है कि जून 2024 में थोक महंगाई तीन फीसदी तक पहुंच सकती है। महंगाई दर को कंट्रोल करने में मानसून की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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