EarthQuake in Japan:digi desk/BHN/ भारत में शुक्रवार रात लगे भूकंप के झटकों के करीब 20 घंटे बाद जापान में तेज भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई। शनिवार रात आए भूकंप से डरकर लाखों लोग घरों से बाहर आ गए और यातायात थम गया। जापान के बड़े हिस्से में विद्युत आपूर्ति भी भंग हो गई। अभी तक जान-माल के किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। समुद्र में सुनामी आने का खतरा महसूस नहीं किया गया है।जापान के मौसम विभाग के अनुसार भूकंप का केंद्र फुकूशीमा के नजदीक जमीन में 60 किलोमीटर अंदर था। जापान के समयानुसार भूकंप का तेज झटका रात 11.08 बजे लगा।
उस समय देश के ज्यादातर लोग सो गए थे या सोने की तैयारी कर रहे थे। राजधानी टोक्यो और आसपास के इलाकों की इमारतें अचानक हिलने लगीं। लोग देर किए बगैर घरों से बाहर आ गए और सड़कों पर यातायात रुक गया। देश के करीब साढ़े नौ लाख घरों की विद्युत आपूर्ति भंग हो गई। भूकंप का झटका लगते ही नजदीक के फुकूशीमा दाई नी और ओनागावा परमाणु संयंत्र ऑटोमैटिक सिक्युरिटी मोड में चले गए। बावजूद इसके झटके थमते ही अधिकारियों ने दोनों संयंत्रों की सुरक्षा को परखा। एक अन्य परमाणु संयंत्र तोकाईमुरा की सुरक्षा भी परखी गई। फुकूशीमा ही वह परमाणु बिजलीघर है जहां पर 11 मार्च, 2011 को आए भूकंप में भारी नुकसान हुआ था और बड़ी क्षेत्र में विकिरण फैल गया था। सोवियत संघ के चेरनोबिल परमाणु बिजलीघर दुर्घटना के बाद यह दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु दुर्घटना थी। जापान में भूकंप आना सामान्य बात है। भूकंप के लिहाज से यह दुनिया का सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाके में आता है।