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MP: तीसरे चरण की 9 सीटों में BJP को राजगढ़-मुरैना में टक्कर, गुना सीट सेफ, शिवराज लीड बढ़ाने लगा रहे जोर

Madhya pradesh bhopal mp news bjp faces competition in rajgarh morena out of nine seats in the third phase guna seat is safe shiv: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश में दो चरणों की वोटिंग के बाद राजनीतिक दलों ने तीसरे चरण की नौ सीटों पर जोर लगा दिया है। यहां पर राजगढ़-मुरैना सीट पर भाजपा को कांटे की टक्कर दिख रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना सीट आसान दिख रही है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जीत का मार्जिन बढ़ाने जोर लगा रहे हैं।

प्रदेश में तीसरे चरण में 7 मई को भोपाल, विदिशा, राजगढ़, बैतूल, सागर, गुना, ग्वालियर, मुरैना और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भिंड सीट पर मतदान होगा। इन सीटों पर महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे मोदी के चेहरे, राममंदिर और हिंदुत्व के सामने दब गए हैं। कुछ सीटों पर लंबे समय से भाजपा का कब्जा है, जहां उसकी राह आसान दिख रही है। वहीं, टक्कर वाली सीटों पर राजनीतिक पार्टियां जातिगत फैक्टर के साथ ही वोटरों को साधने हर कोशिश में जुटी हुई हैं। इन सीटों पर दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक केंद्रीय मंत्री की साख भी दांव पर लगी है।

राजगढ़ में कांटे की टक्कर
राजगढ़ सीट पर भाजपा ने दो बार के सांसद रोडमल नागर को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। राजगढ़ सीट दिग्विजय सिंह का गढ़ है। रोडमल नागर के खिलाफ जनता में नाराजगी है। ऐसे में भाजपा ने अपनी रणनीति बदलते हुए यहां पर मोदी के चेहरे के साथ राममंदिर, हिंदुत्व के मुद्दे को आगे कर दिया है। दिग्विजय सिंह ने भी पूरा जोर लगा दिया है। वह राजगढ़ से दो बार सांसद रह चुके हैं। वे अपना आखिरी चुनाव बता इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। 77 साल की उम्र में पदयात्रा निकालकर अपने संपर्क को सक्रिय किया। यहां मुकाबला कांटे की टक्कर वाला हो गया है। 2004 से यह सीट भाजपा के पास है। 2019 में रोडमल नागर 4,31 लाख वोट से जीते थे। विधानसभा सीट- राजगढ़ सीट पर आठ विधानसभा सीटें हैं। जिनमें से 6 भाजपा और दो कांग्रेस के पास हैं।

विदिशा में मार्जिन बढ़ाने का जोर
विदिशा सीट पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री और पांच बार सांसद रहे शिवराज सिंह चौहान को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व सांसद भानु प्रताप शर्मा को टिकट दिया है। यहां मोदी के साथ ही राममंदिर भी मुद्दा है। यह सीट भाजपा का गढ़ है। इसके बावजूद शिवराज सिंह लगातार गांव-गांव में घूम कर प्रचार कर रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी भानु प्रताप शर्मा लंबे समय से सक्रिय नहीं हैं। वहीं, कई कांग्रेस के सक्रिय नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ले ली। इसने भी कांग्रेस प्रत्याशी की चुनौती बढ़ा दी। यहां पर शिवराज आगे दिख रहे हैं। यह सीट 1989 से भाजपा के पास है। 2019 में रमाकांत भार्गव 5.3 लाख वोटों से चुनाव जीते थे।

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