shortage of passengers bus owners can strike: digi desk/BHN/ भले ही देश-प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम हो गया हो, लेकिन अब भी सामान्य यात्री बसों में यात्रियों की संख्या में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हो रही है। अब भी 30 फीसद से अधिक यात्री इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, सागर, नरसिंहपुर, ब्यावरा, विदिशा, सिरोंज, जबलपुर, बैतलू सहित अन्य मार्गों पर चलने वाली सामान्य बसों में सफर नहीं कर रहे हैं। लगातार घाटा उठा रहे बस संचालकों ने अब शासन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी फिर शुरू कर दी है। पिछले दिनों बसों का किराया 50 फीसद बढ़ाने की मांग करते हुए मप्र प्राइम रूट बस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह को पत्र लिखा था। अब तक इसे लेकर कोई फैसला नहीं हुआ। लिहाजा, अब बस ऑपरेटर्स आंदोलन का मन बना रहे हैं और हड़ताल करने की तैयारी में हैं।
मप्र प्राइम रूट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि परिवहन विभाग ने बसों का किराया बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा है। किराया बोर्ड की बैठक में यात्री किराया बढ़ाने को लेकर सहमति बनी थी। इसके बावजूद शासन किराया बढ़ाने पर ध्यान नहीं दे रहा है। बैठकों के बाद भी शासन नहीं सुन रहा है। अब सभी यूनियनों से हड़ताल करने को लेकर सहमति ली जा रही है। यदि एक से दो सप्ताह में यात्री किराया नहीं बढ़ाया गया तो पूरे प्रदेश में बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा। 35 हजार यात्री बसों के पहिए थमेंगे, तो आम जनता की परेशानी बढ़नी है। हमारी मांग है कि साल 2018 से यात्री किराया नहीं बढ़ाया गया है। एक स्र्पये प्रति किलोमीटर के हिसाब से प्रदेश में सामान्य बसों का किराया है। इसे बढ़ा कर डेढ़ स्र्पये प्रति किलोमीटर किया जाए। डीजल 84 स्र्पये प्रति लीटर के पार हो गया है। बसों के टायर व पार्ट्स भी महंगे हो गए हैं। ऐसे में बस मालिक कब तक घाटा उठाते रहेंगे।