Friday , May 31 2024
Breaking News

भोजशाला परिसर के साइंटिफिक सर्वे पर रोक लगाने से SC का इनकार

धार

धार स्थित भोजशाला का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) सर्वे का आज सोमवार को 11वां दिन है. वहीं मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. सु्प्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में भोजशाला परिसर के वैज्ञानिक सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. अब इस फैसले से साफ हो गया है कि भोजशाला में ASI सर्वे चलता रहेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने विशेष टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारी इजाजत के बिना ASI रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. वहां ऐसी खुदाई ना हो, जिससे धार्मिक चरित्र बदल जाए. इस मामले में कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की और कहा कि ऐसी कोई फिजिकली खुदाई नहीं की जानी चाहिए, जिससे संरचना का स्वरूप बदल जाए या संरचना को नुकसान पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि इस कोर्ट की अनुमति के बिना ASI सर्वे के नतीजे पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट ने साइंटिफिक सर्वे का दिया था आदेश
जानकरी के लिए आपको बता दें कि  MP हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश के बाद 22 मार्च से धार भोजशाला में ASI का सर्वे जारी है. अदालत ने फैसले में कहा था कि कार्बन डेटिंग विधि द्वारा एक विस्तृत वैज्ञानिक जांच की जानी चाहिए, जिससे जमीन के ऊपर और नीचे दोनों तरह की संरचना कितनी पुरानी है, उनकी उम्र का पता लगाया जा सके. कोर्ट ने ये भी कहा था कि सर्वे के दौरान हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष मौजूद रहना चाहिए. इस मामले में इंदौर की बेंच में अब 29 अप्रैल को सुनवाई होगी.  

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 11 मार्च के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के आदेश को चुनौती देने वाली मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी की याचिका पर आया है। एमपी के धार जिले के भोजशाला परिसर में अदालत की निगरानी में किए जा रहे एएसआई सर्वेक्षण का काम रविवार को नौवें दिन भी जारी रहा। सर्वे में खुदाई के दौरान जमा की गई मिट्टी और पत्थर एएसआई की ओर से सुरक्षित रखे जा रहे थे। सर्वेक्षण का काम 22 मार्च को शुरू हुआ था।

बता दें कि इस प्राचीन परिसर पर हिंदू और मुस्लिम दोनों अपना दावा जता रहे हैं। हिंदू भोजशाला को वाग्देवी यानी सरस्वती का मंदिर मानते हैं जबकि मुस्लिम पक्ष इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है। एएसआई की ओर से सात अप्रैल 2003 को जारी किए गए आदेश के अनुसार, हिंदुओं को हर मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति दी गई है। वहीं मुस्लिम पक्ष हर शुक्रवार इस जगह पर नमाज अदा करता है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 'हिंदू फ्रंट ऑफ जस्टिस' की याचिका पर एएसआई को वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था। 

About rishi pandit

Check Also

Shahdol: तबादला होने से नाराज बाबू चढ़ा पेड़ पर, हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद समझाइश देकर उतारा नीचे

शहडोल, भास्कर हिंदी न्यूज़/ शहडोल में एक बाबू का तबादला क्या हुआ, वह पेड़ पर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *