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Jaisalmer News: 11 पाक नागरिकों को मिली भारतीय नागरिकता, CAA लागू होने के बाद कलेक्टर ने सौंपा सर्टिफिकेट

जैसलमेर.

जैसलमेर कलेक्टर प्रताप सिंह ने 11 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता के प्रमाण-पत्र दिए। इससे भारत की नागरिकता के प्रमाण-पत्र लेकर सालों से भारत में निवास कर रहे पाक विस्थापितों के चेहरे खिल उठे। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार के साथ ही जिला प्रशासन को सभी ने धन्यवाद देते हुए आभार जताया। सभी ने कहा कि आज हमारी नागरिकता की मुराद पूरी हुई है, इससे बड़ा गर्व हमारे लिए क्या हो सकता है।

इस मौके पर सीमान्त हिन्दू संगठन के अध्यक्ष हिन्दूसिंह सोढा के साथ ही भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले नागरिक और उनके परिवारजन मौजूद रहे। कलेक्टर प्रताप सिंह व हिन्दू सिंह सोढा ने भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले सभी लोगों को हार्दिक बधाई दी और कहा कि अब उन्हें भारत के आम नागरिक की तरह सरकार की सभी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सकेगा। मां-बेटा व बहू को एक साथ मिले प्रमाण-पत्र कलेक्टर ऑफिस के सभागार में शुक्रवार को आयोजित नागरिकता शिविर के मौके पर पाक विस्थापित 48 वर्षीय मोती पुत्र मजनू, 46 वर्षीया लाछा पत्नी मोती, मोती की 79 वर्षीया माता अनिमा पत्नी मंजनू को 10 साल बाद भारतीय नागरिकता का अधिकार मिला। इस प्रकार मां, बेटा और बहू को एक साथ भारतीय नागरिकता के प्रमाण-पत्र मिले। वहीं 45 वर्षीय अर्जुनदास पुत्र मगीयो को 24 साल बाद, 44 वर्षीया मरियम पत्नी ढालूमल को 10 साल बाद, 56 वर्षीया नामा पत्नी तारियो व उसके पति 60 वर्षीय तारियो पुत्र सांगियो को 12 साल बाद भारतीय नागरिकता का गौरव प्राप्त हुआ। इसी प्रकार 51 वर्षीया केंकू पत्नी मगो को 10 साल बाद, 39 वर्षीय सवीरजी पुत्र राणाराम, 41 वर्षीय सुल्तान पुत्र राणाराम तथा 37 वर्षीया ओरामाई पत्नी सुल्तान को 10 साल बाद भारतीय नागरिकता प्राप्त हुई। 10 से 12 साल के बाद पति-पत्नी सुल्तान-ओरामाई, नामा व तारियो को पति-पत्नी के रूप में एक साथ भारतीय नागरिकता का गौरव प्राप्त हुआ तो उनके चेहरों पर मुस्कान छा गई। सभी ने माला पहनाकर खुशी मनाई।

पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना से परेशान होकर भारत आए पाकिस्तान से भारत के नागरिक बने पाक विस्थापितों ने इस मौके पर अपना दर्द बयान करते हुए बताया कि वे पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना से परेशान होकर भारत लौटे। वहां उनको जबरन मुस्लिम बनाना, उनको जमीन का हक ना देना, पूजा पाठ और अन्य धार्मिक रिवाज निभाने में काफी दिक्कतें आते थी। इन सभी से परेशान होकर वे अपने वतन लौटे। यहां उनको बिना नागरिकता के काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उनको बिजली, गैस सिलेंडर समेत कई तरह की सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता था। लेकिन अब नागरिकता मिलने के बाद वे बहुत खुश है और एक आम भारतीय की तरह वे भी भारत के नागरिक कहलाए जाएंगे।

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