Saturday , October 5 2024
Breaking News

सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम पर जताया विश्वास, आशंकाओं को किया खारिज

नईदिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम पर भरोसा बरकारर रखते हुए न्यायालय में दाखिल आज दो रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसमें  19 लाख से अधिक ईवीएम के गायब होने की आशंका और चुनाव कराने के लिए मतपत्र का उपयोग करने की एक अन्य याचिका भी शामिल थी।
19 लाख गायब ईवीएम याचिका पर फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने आशंकाओं और आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है।

याचिकाकर्ता आईएनसीपी ने आशंका जताई थी कि 2016-19 के दौरान 19 लाख गायब ईवीएम का इस्तेमाल आगामी लोकसभा आम चुनाव- 2024 में हेरफेर करने के लिए किया जा सकता है।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 61ए को अलग करते हुए मतपत्र का उपयोग करके चुनाव कराने के संबंध में एक अन्य याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए, न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि ईवीएम के कामकाज से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर 10 से अधिक मामलों की जांच की गई, जिसके बाद याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर भरोसा जताया है।
 
पिछले दशकों में और लगभग 40 निर्णयों में सर्वोच्च न्यायालयों ने ईसीआई-ईवीएम और आसपास की पारदर्शी प्रक्रिया और कठोर प्रशासनिक प्रोटोकॉल में अपना विश्वास बरकरार रखा है, जिससे भारत में ईवीएम के पक्ष में विकसित न्यायशास्त्र में अत्यधिक मूल्य और ताकत जुड़ गई है।  

उल्लेखनीय है कि हाल ही में एक मामले में (मध्य प्रदेश जन विकास पार्टी बनाम भारत चुनाव आयोग, विशेष अनुमति याचिका (सिविल) 16870/2022, सितंबर, 2022) सुप्रीम कोर्ट ने 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि देश में दशकों से ईवीएम का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन समय-समय पर मुद्दे उठाए जाते रहते हैं। इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय ने 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।

ऐसी ही एक याचिका पर (सी.आर. जया सुकिन बनाम भारत निर्वाचन आयोग और अन्य, रिट याचिका (सिविल) 6635/2021, अगस्त 2021) जिसमें सभी आगामी चुनावों में ईवीएम के उपयोग को रोकने और इसके बजाय मतपत्र का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है।

इसी प्रकार दिल्ली उच्च न्यायालय ने आगामी लोकसभा चुनावों में उपयोग की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) और वीवीपीएटीएस के लिए चल रही प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग करने वाली दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एक याचिका को खारिज कर दिया गया है।
 
ज्ञात हो कि ईसीआई हमेशा ईवीएम से संबंधित प्रक्रियाओं और सुरक्षा उपायों पर ईवीएम मैनुअल, स्टेटस पेपर, ईवीएम प्रेजेंटेशन, ईवीएम की 40 साल की यात्रा पर स्मारक पुस्तक, ईवीएम का कानूनी इतिहास जैसे प्रकाशनों के रूप में सार्वजनिक रूप से जानकारी उपलब्ध कराने में सबसे आगे रहा है।

About rishi pandit

Check Also

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए उत्तर प्रदेश का शिक्षा मॉडल को अपनाएगी

शिमला हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए उत्तर प्रदेश का …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *