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भोजशाला मामले को लेकर मुस्लिम समुदाय अब सुप्रीम कोर्ट जाएगा, ASI सर्वे के क्यों खिलाफ

धार

भोजशाला को लेकर विवाद बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं। दरअसल, हाईकोर्ट ने सोमवार को भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वे कराने की परमिशन दे दी है। ASI को छह भीतर के अंदर सर्वे करने को कहा गया है। इस आदेश के बाद धार जिले में मौजूद भोजशाला में मंगलवार को बड़ी संख्या में हिंदू श्रद्धालु पहुंचे। वहां उन्होंने मां वागदेवी की विशेष पूजा की और हनुमान चालीसा का पाठ किया। दरअसल, इस जगह को हिंदू समुदाय के लोग मंदिर बताते हैं। वहीं मुस्लिमों का दावा है कि यह मस्जिद है।

मुस्लिम समुदाय जाएगा सुप्रीम कोर्ट
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अप्रैल 2003 के एक आदेश के अनुसार, भोजशाला परिसर में हिंदू हर मंगलवार को पूजा कर सकते हैं। वहीं मुस्लिमों को हर शुक्रवार को इबादत करने की परमिशन दी गई है। सोमवार को वैज्ञानिक सर्वे वाले आदेश के बाद धार शहर के काजी वकार सादिक ने कहा, 'हम मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। उपलब्ध दस्तावेजों के कारण मामला 2003 में पहले ही खारिज कर दिया गया था लेकिन राजनीतिक दबाव में एएसआई ने अदालत के समक्ष इसका समर्थन किया।'

लंदन में है मां वागदेवी की मूर्ति
नाम न छापने की शर्त पर एएसआई के एक अधिकारी ने बताया, 'परिसर में मंगलवार को हिंदू भक्तों की संख्या 50 फीसदी बढ़ गई। उन्होंने मां वागदेवी की पूजा की और हनुमान चालीसा का पाठ किया। हालांकि यह शांतिपूर्ण ढंग से हुआ।' वहीं भोज उत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक जैन और गोपाल शर्मा ने कह, 'हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं और परिसर में रोज पूजा करने के लिए सर्वे रिपोर्ट का इंतजार करेंगे। जल्द ही सर्वे में यह साफ हो जाएगा कि यह वागदेवी का मंदिर है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद हम भोजशाला में स्थापित करने के लिए लंदन से मां वागदेवी की मूर्ति वापस लाएंगे।'

मुस्लिम समुदाय क्यों ASI सर्वे के खिलाफ
धार शहर के काजी वकार सादिक का कहना है कि 'उपलब्ध दस्तावेजों के कारण यह मामला साल 2003 में पहले ही खारिज कर दिया गया था लेकिन राजनीतिक दबाव में एएसआई ने अदालत के समक्ष इसका समर्थन किया।' ऐसे में अब मुस्लिम समुदाय इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा रहा है।

समझिए पूरा मामला
दरअसल, भोजशाला एक एएसआई संरक्षित 11वीं सदी का स्मारक है, जिसके बारे में हिंदू दावा करते हैं कि यह वागदेवी (देवी सरस्वती) का मंदिर है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद मानता है। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की याचिका पर हाईकोर्ट ने धार की भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) पांच विशेषज्ञों की एक समिति बनाएगा। इस टीम को छह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी होगी।

 

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