Thursday , May 29 2025
Breaking News

महाराष्ट्र सरकार का अनुरोध सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया, जीएन साईबाबा को बरी करने के आदेश पर रोक से इनकार

नई दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य को माओवादियों से संबंध के मामले में बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का महाराष्ट्र सरकार का अनुरोध मानने से सोमवार को इनकार कर दिया। जस्टिस बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहाकि हाई कोर्ट का आदेश प्रथम दृष्टया तर्कसंगत है। लेकिन, न्यायालय ने राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई के लिए सहमति जताई। बेंच ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के मौखिक अनुरोध को भी खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहाकि इस पर उचित समय पर सुनवाई की जाएगी।

जस्टिस मेहता ने कहाकि यह बड़ी मुश्किल से बरी किए जाने का मामला है। सामान्य तौर पर, इस अदालत को यह अपील खारिज कर देनी चाहिए थी। बंबई हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने पांच मार्च को साईबाबा (54) को बरी कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने में विफल रहा। कोर्ट ने साईबाबा को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया था और यूएपीए के तहत अभियोजन की मंजूरी को अमान्य ठहराया था। उसने मामले में पांच अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया था।

शारीरिक असमर्थता के कारण व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले साईबाबा 2014 में मामले में गिरफ्तारी के बाद से नागपुर केंद्रीय कारागार में बंद थे। मार्च 2017 में, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने कथित माओवादी संबंधों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए साईबाबा, एक पत्रकार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्र सहित पांच अन्य लोगों को दोषी ठहराया था।

 

About rishi pandit

Check Also

किसानों को मिल सकता है तोहफा… किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट ₹5 लाख करने की तैयारी में सरकार !

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *