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सुप्रीम कोर्ट से SBI को बड़ा झटका लगा, केवल एक दिन का समय, बात नहीं मानी तो चलेगा एक और केस

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए समय बढ़ाने की याचिका को खारिज करते हुए कड़ी फटकार भी लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैंक ने जानबूझकर आदेश का उल्लंघन किया है और इसके लिए न्यायालय की अवमानना का भी केस चलाया जा सकता है। शीर्ष न्यायालय ने सख्त आदेश देते हुए कहा है कि 12 मार्च तक ही इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंप दी जाए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े बैंक एसबीाई के डायरेक्टर को निर्देश दिया है कि वह अदालत में एक हलफनामा जमा कर बताएं कि 26 दिनों में उन्होंने क्या किया। कोर्ट ने कहा, हम अभी नहीं चाहते हैं कि अवमानना का केस चलाया जाए लेकिन अगर एसबीआई जान बूझकर इसी तरह आदेश का उल्लंघन करता है और निर्देशों का पालन नहीं करता है तो अवमानना की प्रक्रिया के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने चुनाव आयोग से कहा है कि सभी इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़ों को जुटाकर शुक्रवार की शाम पांच बजे तक वेबसाइट पर पब्लिश कर दिया जाए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 6 मार्च तक का समय दिया था. वहीं बैंक का कहना था कि आंकडे़ इकट्ठा करने और उन्हें क्रॉस चेक करने में समय लग जाएगा इसलिए समय को 30 जून तक बढ़ा दिया जाए। आम चुनाव भी तब तक हो जाएंगे।

एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट से झटका, खारिज हो गई याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा देने वालों की जानकारी इसके मुंबई ब्रांच में मौजूद है केवल इसे बाहर निकालना है। कोर्ट ने कहा कि आदेश को 26 दिन हो गए हैं और अब तक काम पूरा हो जाना चाहिए था। एसबीआई से इस तरह की उम्मीद नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की याचिका पर भी सुनवाई की। एडीआर ने ही इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका फाइल की थी। इलेक्टोरल बॉन्ड की स्कीम मोदी सरकार ने 2017 में शुरू की थी। एडीआर ने मांग की है कि एसबीआई के खिलाफ अवमानना का केस चलाया जाए।

आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट की पांच बड़ी बातें
1- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर पर्याप्त जानकारी बैंक के पास मौजूद है। एसबीआई के जवाब से पता चलता है कि उसके पास सारी जानकारियां हैं। ऐसे में उसकी 30 जून तक की समय देने की मांग खारिज की जाती है। इसके अलावा एसबीआई को निर्देश दिया जाता है कि 12 मार्च तक सारी जानकारी सौंप दे।
2- पांच जजों की बेंच ने सरकारी बैंक को चेतावनी दी कि अगर कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।
3- कोर्ट ने कहा, हमने 15 फरवरी को आदेश दिया था। आज 11 मार्च है। 26 दिनों में आपने क्या किया। जवाब में इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। हम एसबीआई से स्पष्ट जवाब की उम्मीद करते हैं।
4- कोर्ट ने कहा कि 15 फरवरी के फैसले में साफ कर दिया गया था कि एसबीआई को केवल कवर खोलना है। जानकारी को सीधा चुनाव आयोग को दे देना है। यह गंभीर मामला है और आप इस तरह से तारीख बढ़वाना चाहते हैं। आप देश के नंबर 1 बैंक हैं। हम उम्मीद करते हैं कि एसबीआई आगे आकर सारी जानकारी देगा।
5- कोर्ट ने कहा कि, खत्म की गई इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम में भी कहा गया था कि इसे खरीदने वाले की सारी जानकारी उस वक्त देनी होगी जब कोई एजेंसी केस दर्ज करेगी। स्कीम की शर्त के मुताबिक भी एसबीआई को सारी जानकारी  दे देनी चाहिए।

 

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