क्या है लापरवाही

मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य और कानून विशेषज्ञ एडवोकेट विभांशु जोशी ने घटना को किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन बताया है। जोशी ने बताया कि संरक्षण गृह में बालक/बालिका तक किसी तरह का नशा अथवा दवा का ओवरडोज पहुंचना किशोर न्याय अधिनियम की धारा-77 का स्पष्ट उल्लंघन है। इसमें दोष सिद्ध होने पर सात साल की सजा भी हो सकती है। मामले से जाहिर हो रहा है कि कहीं न कहीं बाल कल्याण समिति ने पीड़िताओं की समुचित काउंसलिंग नहीं करवाई।

क्या है मामला

12 जुलाई 2020 को चाइल्ड लाइन की सदस्य अमिता मिश्रा ने पुलिस में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि शाहपुरा इलाके में स्थित एक फ्लैट में बर्थ-डे पार्टी के दौरान प्यारे मियां ने चार नाबालिग बालिकाओं का यौन शोषण किया। काउंसिलिंग में पता चला कि प्यारे मियां पूर्व में कई बार बालिकाओं का यौन शोषण कर चुका है। इस मामले में प्यारे मियां की महिला मित्र स्वीटी उर्फ हम्टी भी सहयोग करती थी। विवेचना के दौरान पता चला कि आरोपित ने कोहेफिजा क्षेत्र में भी एक नाबालिग किशोरी का भी यौन शोषण किया था। गर्भवती होने पर स्वीटी ने बालिका का गर्भपात करवा दिया था। शिकायत के आधार पर आरोपित प्यारे मियां और उसके सहयोगी अनस, राबिया, स्वीटी, गुलफाम और एक महिला को विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। सभी आरोपित जेल में हैं।