Crime news:digi desk/BHN/ नेहरू नगर स्थित बालिका गृह में नींद की गोलियां खाने वाली दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग ने बुधवार रात दम तोड़ दिया। बुधवार दोपहर को ही एडीएम माया अवस्थी ने भी हमीदिया अस्पताल जाकर बालिका के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। उधर घटना सुर्खियों में आने के बाद पुलिस और बाल कल्याण समिति ने इस मामले में चुप्पी साध ली है।
गौरतलब है कि 12 जुलाई 2020 को चाइल्ड लाइन की सदस्य अमिता मिश्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें उन्हाेंने बताया था कि शाहपुरा इलाके के एक फ्लैट में बर्थ-डे पार्टी के दौरान राजधानी के रसूखदार प्यारे मियां ने चार नाबालिग बालिकाओं का यौन शोषण किया। काउंसिलिंग में पता चला कि प्यारे मियां पूर्व में कई बार बालिकाओं के साथ दुष्कर्म कर चुका है। शिकायत के बाद पुलिस ने प्यारे मियां को नाबालिगों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में प्यारे मियां जेल में है, जबकि पांच पीड़ित किशोरियों को नेहरू नगर स्थित बालिका गृह में रखा गया था। बीते सोमवार शाम को उनमें से दो बालिकाओं की तबीयत खराब होने की सूचना बालिका गृह की अधीक्षिका ने बाल कल्याण समिति को दी थी। उनमें से एक बालिका की हालत गंभीर होने से उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार रात करीब 11 बजे एएसपी रजत सकलेचा ने बालिका की मौत की पुष्टि कर दी। बालिका का शव अस्पताल की मर्चुरी में रखवा दिया गया है। आज उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा। दूसरी बालिका की सेहत में सुधार है।
कानून विशेषज्ञ बोले, नाबालिग पीड़िता की मौत के लिए सिस्टम जिम्मेदार
राजधानी भोपाल में प्यारे मियां के यौन शोषण की शिकार बालिका दो दिन तक मौत से संघर्ष करने के बाद पीड़िता जीवन की जंग हार गई। उसे सोमवार रात बेहोशी की हालत में हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार रात को डॉक्टरों ने बालिका को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। कानून विशेषज्ञों ने इस घटना को किशोर न्याय अधिनियम-2015 का स्पष्ट उल्लंघन बताया है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर जिम्मेदारों को सात साल तक की सजा का भी प्रविधान है।
आयोग के सदस्य भी पहुंचे थे अस्पताल
मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान बुधवार सुबह हमीदिया अस्पताल पहुंच थे। उन्होंने चिकित्सकों से चर्चा कर बालिका के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। चौहान ने बताया कि उन्होंने महिला एवं बाल विकास कमिश्नर को एक पत्र लिखकर सक्षम अधिकारी द्वारा मामले की विभागीय जांच कराने और तीन दिन के भीतर यह जांच रिपोर्ट आयोग को उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
क्या है लापरवाही
मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य और कानून विशेषज्ञ एडवोकेट विभांशु जोशी ने घटना को किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन बताया है। जोशी ने बताया कि संरक्षण गृह में बालक/बालिका तक किसी तरह का नशा अथवा दवा का ओवरडोज पहुंचना किशोर न्याय अधिनियम की धारा-77 का स्पष्ट उल्लंघन है। इसमें दोष सिद्ध होने पर सात साल की सजा भी हो सकती है। मामले से जाहिर हो रहा है कि कहीं न कहीं बाल कल्याण समिति ने पीड़िताओं की समुचित काउंसलिंग नहीं करवाई।
क्या है मामला
12 जुलाई 2020 को चाइल्ड लाइन की सदस्य अमिता मिश्रा ने पुलिस में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि शाहपुरा इलाके में स्थित एक फ्लैट में बर्थ-डे पार्टी के दौरान प्यारे मियां ने चार नाबालिग बालिकाओं का यौन शोषण किया। काउंसिलिंग में पता चला कि प्यारे मियां पूर्व में कई बार बालिकाओं का यौन शोषण कर चुका है। इस मामले में प्यारे मियां की महिला मित्र स्वीटी उर्फ हम्टी भी सहयोग करती थी। विवेचना के दौरान पता चला कि आरोपित ने कोहेफिजा क्षेत्र में भी एक नाबालिग किशोरी का भी यौन शोषण किया था। गर्भवती होने पर स्वीटी ने बालिका का गर्भपात करवा दिया था। शिकायत के आधार पर आरोपित प्यारे मियां और उसके सहयोगी अनस, राबिया, स्वीटी, गुलफाम और एक महिला को विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। सभी आरोपित जेल में हैं।