Saturday , October 5 2024
Breaking News

नरेंद्र मोदी बोले – विश्व वन्य जीव दिवस की थीम में डिजिटल इनोवेशन

नई दिल्ली.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि इंसान और बाघों के संघर्ष को कम करने के लिए अब प्रौद्योगिकी की मदद ली जा रही है और इस वर्ष तीन मार्च को मनाये जाने वाले ‘विश्व वन्य जीव दिवस’ की थीम में डिजिटल इनोवेशन को सर्वोपरि रखा गया है। मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 110वें संस्करण में कहा कि आज सबके जीवन में टेक्नोलॉजी का महत्व बहुत बढ़ गया है। मोबाइल फोन, डिजिटल गैजेट सबकी ज़िन्दगी का अहम हिस्सा बन गए हैं और अब डिजिटल गैजेट की मदद से वन्य जीवों के साथ तालमेल बिठाने में भी मदद मिल रही है। कुछ दिन बाद, तीन मार्च को ‘विश्व वन्य जीव दिवस’ है। इस दिन को वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस वर्ष इस दिवस की थीम में डिजिटल इनोवेशन को सर्वोपरि रखा गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में वन्य-जीवों के संरक्षण के लिए टेक्नोलॉजी का खूब उपयोग हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार के प्रयासों से देश में बाघों की संख्या बढ़ी है। महाराष्ट्र के चंद्रपुर के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या ढ़ाई सौ से ज्यादा हो गयी है। चंद्रपुर जिले में इंसान और बाघों के संघर्ष को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद ली जा रही है। यहाँ गांव और जंगल की सीमा पर कैमरे लगाए गए हैं। जब भी कोई बाघ गांव के करीब आता है तब एआई की मदद से स्थानीय लोगों को मोबाईल पर अलर्ट मिल जाता है। आज इस टाइगर रिजर्व के आस-पास के 13 गांवों में इस व्यवस्था से लोगों को बहुत सुविधा हो गयी है और बाघों को भी सुरक्षा मिली है।”

उन्होंने कहा कि आज युवा उद्यमी भी वन्य जीव संरक्षण और पर्यावरण अनुकूल पर्यटन के लिए नए-नए नवाचार कर रहे हैं। उत्तराखंड के रूड़की में एक ग्रुप ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से ऐसा ड्रोन तैयार किया है, जिससे केन नदी में घड़ियालों पर नजर रखने में मदद मिल रही है। इसी तरह बेंगलुरु की एक कंपनी ने ‘बघीरा’ और ‘गरुड़’ नाम का ऐप तैयार किया है। बघीरा ऐप से जंगल सफारी के दौरान वाहन की स्पीड और दूसरी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। देश के कई टाइगर रिजर्व में इसका उपयोग हो रहा है। एआई और आईओटी पर आधारित गरुड़ ऐप को किसी सीसीटीवी से कनेक्ट करने पर रियल टाइम अर्लट मिलने लगता है। वन्य-जीवों के संरक्षण की दिशा में इस तरह के हर प्रयास से देश की जैव विविधता और समृद्ध हो रही है।

उन्होंने कहा “भारत में तो प्रकृति के साथ तालमेल हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। हम हजारों वर्षों से प्रकृति और वन्य जीवों के साथ सह-अस्तित्व की भावना से रहते आये हैं। महाराष्ट्र के मेलघाट टाइगर रिजर्व के पास खटकली गांव में रहने वाले आदिवासी परिवारों ने सरकार की मदद से अपने घर को होम स्टे में बदल दिया है। ये उनकी कमाई का बहुत बड़ा साधन बन रहा है। इसी गांव में रहने वाले कोरकू जनजाति के प्रकाश जामकर ने अपनी दो हेक्टेयर जमीन पर सात कमरों वाला होम स्टे तैयार किया है। उनके यहाँ रुकने वाले पर्यटकों के खाने-पीने का इंतजाम उनका परिवार ही करता है। अपने घर के आस-पास उन्होंने औषधीय पौधों के साथ आम और कॉफ़ी के पेड़ भी लगाए हैं। इससे पर्यटकों का आकर्षण तो बढ़ा ही है, दूसरे लोगों के लिए भी रोजगार के नए अवसर बने हैं।”

About rishi pandit

Check Also

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए उत्तर प्रदेश का शिक्षा मॉडल को अपनाएगी

शिमला हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए उत्तर प्रदेश का …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *