- दोनों ट्रेन हंगामे के कारण एक घंटे की देरी से रवाना हो सकीं
- ट्रेन जब अपने निर्धारित समय पर रवाना हुई तो यात्रियों ने चैन पुलिंग कर ट्रेन को रोक दिया
- भारत गौरव यात्रा ट्रेनों को प्राइवेट ट्रेवलिंग एजेंसी लीज पर लेते हैं
Madhya pradesh itarsi bharat gaurav tourist train stale food given to passengers they threw plates at itarsi railway station: digi desk/BHN/इटारसी/ सोमवार को इटारसी स्टेशन पर पहुंची दो भारत गौरव एक्सप्रेस ट्रेनों के यात्रियों ने बासी एवं घटिया आहार मिलने से नाराज होकर करीब एक घंटे स्टेशन पर हंगामा किया, यात्रियों ने नाराज होकर थालियां प्लेटफार्म पर फेंक दी, इसके बाद करीब एक घंटे हंगामा किया। बमुकिश्ल अधिकारियों की समझाइश पर यात्रियों का गुस्सा शांत हुआ, रेलवे ने उन्हें दूसरा आहार देने का आश्वासन दिया। दोनों ट्रेनें प्लेटफार्म छह सात नंबर पर आईं थी। दोनों ट्रेन हंगामे के कारण एक घंटे की देरी से रवाना हो सकीं।
जानकारी के अनुसार ट्रेन नं. 06916 यात्रा ट्रेन प्लेटफार्म क्रमांक सात पर दोपहर 2 बजकर 32 मिनट पर आई थी। जब यहां अधिकृत ठेकेदार ने यात्रियों को खाने के पैकेट दिए, तो भूखे प्यासे यात्रियों ने खाना शुरू किया, लेकिन खाना खराब था, इसमें बदबू आ रही थी, सारे यात्रियों की एक समान शिकायत सामने आई तो यात्री भड़क गए, यात्रियों ने कहा कि हमारे टिकट में खाने का रुपया भी लिया गया है, जबकि खाना बेहद घटिया दिया गया है।
नाराज यात्रियों ने ट्रेन से उतरकर प्लेटफार्म पर जमकर हंगामा किया। ट्रेन जब अपने निर्धारित समय पर रवाना हुई तो यात्रियों ने चैन पुलिंग कर ट्रेन को रोक दिया। इसी तरह ट्रेन नं. 06908 भारत गौरव ट्रेन दोपहर 2 बजकर 48 मिनट पर प्लेटफार्म छह पर आई थी। इस ट्रेन के यात्रियों को भी निजी एजेंसी द्वारा खराब खाना दिया गया, जिससे इस ट्रेन के यात्रियों ने भी जमकर हंगामा किया।
चैन पुलिंग कर यात्रियों ने ट्रेन को आगे बढने से रोका। ऐसे में यह ट्रेन भी लगभग एक घंटे की देरी से रवाना हो सकी। दोनों ट्रेन जो बनारस से चेन्नई की ओर जा रही थी, जिसमें सारे यात्री दक्षिण भारतीय यात्री थे।
समझाइश के बाद ट्रेनें हुई रवाना
प्लेटफार्म क्रमांक छह और सात पर दोनो ट्रेनों के यात्रियों द्वारा किए जा रहे हंगामे की सूचना जब स्थानीय अधिकारियों को हुई तब स्टेशन प्रबंधक देवेन्द्र सिंह चौहान, डीसीआई विनोद वर्मा, के अलावा सुरक्षा के लिहाज से आरपीएफ पोस्ट इंचार्ज एस के बाजपेयी आरपीएफ स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे थे। पहले तो यात्री अधिकारियों की कोई बात सुनने को तैयार नहीं हुए, लेकिन बाद में एजेंसी के आला अधिकारियों से बातचीत की गई तब उन्होंने कहा कि वह नागपुर ट्रेन पहुंचने पर यात्रियों को दूसरा खाना उपलब्ध कराएंगे, इसके बाद ट्रेनें यहां से रवाना हो सकीं।
ऐसे होती है खाने की सप्लाई
इस मामले में आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक केके सिंह ने बताया कि भारत गौरव यात्रा ट्रेनों को प्राइवेट ट्रेवलिंग एजेंसी लीज पर लेते हैं, इसमें खाना देने की जिम्मेदारी भी इनकी होती है, जिस ट्रेन में विवाद हुआ उसकी बुकिंग चेन्नई की एसआरएम ग्लोबल प्रा. लिमिटेड चेन्नई ने लीज पर लेकर यात्रा का आयोजन किया था, अब इस कंपनी ने किस ठेकेदार को खाना आर्डर किया था, यह जांच का विषय है। इस मामले में आईआरसीटीसी की कोई जिम्मेदारी नहीं है।
जंक्शन पर खाने की घटिया गुणवत्ता को लेकर इस तरह की शिकायतें सामने आती रहती हैं, इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। खानपान ठेकेदारों की लापरवाही से यात्रियों को घटिया एवं खराब खाना परोस दिया जाता है। मोटी रकम वसूलने के बावजूद लाइसेंसी खाने की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखते, खराब खाना देकर यात्रियों की सेहत से खिलवाड़ किया जाता है, ऐसे में यात्री खराब खाना खाने से बीमार भी पड़ सकते हैं।