अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने की तैयारियो की समीक्षा
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए पूरे प्रदेश में प्रथम चरण के तहत 16 जनवरी से कोविड वैक्सीनेशन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। प्रदेश भर में टीकाकरण सत्र के आयोजन के लिए कुल 150 साइट का चयन किया गया है। वैक्सीन टीकाकरण की लॉचिंग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 16 को प्रात: 9 बजे से की जाएगी। पहला वैक्सीन जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी अथवा शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक और अन्य टीकाकरण सत्र साइट में पहला वैक्सीन सफाई कर्मचारी को लगाया जाएगा।
इस आशय की जानकारी अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलों में कोविड टीकाकरण की तैयारियों की समीक्षा के दौरान दी। सतना कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष में अपर कलेक्टर सुश्री विमलेश सिंह, प्रभारी सीईओ जिला पंचायत दिव्यांक सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एके अवधिया, सिविल सर्जन डॉ प्रमोद पाठक, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ सतेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
अपर मुख्य सचिव श्री सुलेमान ने बताया कि मध्यप्रदेश में कोविड-19 के टीकाकरण सत्र के लिए कुल 150 साइट का चयन किया गया है। जिनमें जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामिल है। इंदौर में एमवाय हास्पिटल और भोपाल में जेपी हास्पिटल का चयन राज्य स्तर पर किया गया है। इसी तरह जिला में दो से तीन साइट का चयन टीकाकरण के लिए किया गया है। उन्होने बताया कि टीकाकरण की लॉचिंग 16 जनवरी को प्रात: 9 बजे की जाएगी। सभी 150 साइट में वेबकास्टिंग के माध्यम से लॉचिंग का कार्यक्रम देखा जाएगा। डिस्ट्रिक्ट प्लान के अनुसार ही जिले में वैक्सीन का उठाव किया जाएगा।
कोविड-19 विरोधी कोविशील्ड का टीका गर्भवती महिलाओं, टीके से एलर्जिक व्यक्तियों और 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नहीं लगाया जाएगा। कोविड वैक्सीन के एक वॉयल में 10 डोज रहेंगे। जिन्हें सुरक्षित रखने के लिए कोल्डचेन मेंटेन की जाएगी। संचालक छवि भारद्वाज ने वैक्सीनेशन प्रोटोकाल की जानकारी देते हुए सभी 150 साइटों में प्लानिंग की तैयारी गुरवार तक पूरी कर लेने के निर्देश दिए हैं। कोविड-19 से बचाव के लिए 16 जनवरी से हो रही टीका लॉचिंग के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 14 की दोपहर 12 बजे से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से संबोधन देगें। जिला स्तर पर एनआईसी के वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कक्ष में धर्मगुरूओ एवं जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।