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MPPSC Exam: 33 घंटे के धरने के बाद भी MPPSC ने राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2023 आगे नहीं बढ़ाई, अभ्यर्थी नाराज

  1. आयोग ने परीक्षा के शेड्यूल में किसी प्रकार का फेरबदल नहीं किया। अधिसूचना भी जारी की
  2. नाराज अभ्यर्थी धरने के लिए सोमवार को कलेक्टर से लेकर एसडीएम से गुहार लगाते रहे
  3. अधिकारियों का कहना- फेरबदल से बाकी परीक्षाएं प्रभावित होंगी, जिसमें राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2024 भी शामिल होगी

Madhya pradesh indore mppsc exam even after 33 hours of protest-psc did not proceed with state service main examination 2023 candidates angry: digi desk/BHN/इंदौर/ राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2023 को लेकर असमंजस आखिरकार खत्म हो गया। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) ने परीक्षा के शेड्यूल में किसी प्रकार का कोई फेरबदल नहीं किया है। सोमवार को आयोग के अधिकारियों ने बैठक में परीक्षा तय तारीख पर करवाने का फैसला लिया है, जो 11 से 16 मार्च के बीच करवाई जाएगी। इस संबंध में आयोग ने पोर्टल पर अधिसूचना भी जारी कर दी। उधर आयोग के इस रवैए से नाराज अभ्यर्थियों को अनिश्चितकालीन धरने की अनुमति नहीं मिली है। वे सोमवार को कलेक्टर से लेकर एसडीएम के सामने गुहार लगाते रहे।

229 पदों के लिए राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2023 आयोग ने 17 दिसंबर को करवाई थी। ढाई लाख अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए थे। परिणाम 18 जनवरी को घोषित किया गया। बाद में आयोग ने मुख्य परीक्षा 11 से 16 मार्च के बीच करवाने का फैसला लिया है। पढ़ाई के लिए कम समय मिलने से अभ्यर्थी नाराज थे। उन्होंने बीते 5 फरवरी को दोपहर 2 बजे से आयोग कार्यालय के सामने धरना दिया, जो 6 फरवरी मंगलवार रात 11 बजे खत्म हुआ। 33 घंटे चले धरने में अभ्यर्थियों ने तीन प्रमुख मांगे रखी थी, जिसमें राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2023 आगे बढ़ाने पर जोर दिया।

अभ्यर्थियों की थी तीन मांगें

अभ्यर्थियों का तर्क था कि इसके पहले आयोग की परीक्षाओं के बीच पांच से सात महीने का अंतर होता है। नियमानुसार 90 दिनों बाद परीक्षा करवाई जा सकती है, लेकिन इस बार आयोग ने 50 दिन के भीतर मुख्य परीक्षा रखी है। इतने कम समय में सिलेबस पूरा नहीं हो सकता है। साथ ही अभ्यर्थियों ने राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2024 में पद बढ़ाने और 13 प्रतिशत रिजल्ट निकले। अभ्यर्थियों की तीन सूत्री मांगों का ज्ञापन आयोग को भेजा। साथ ही 48 घंटे में निर्णय लेने पर जोर दिया।

अभ्यर्थियों का अलग-अलग मत

परीक्षा के संबंध में आयोग ने सोमवार को बैठक बुलाई, जिसमें अभ्यर्थियों के आवेदनों पर चर्चा की गई। कुछ अभ्यर्थी भले ही परीक्षा आगे बढ़ावाना चाहते हो, मगर कुछ अभ्यर्थी चाहते हैं कि परीक्षा समय पर करवाई जाए। ताकि बाकी परीक्षाओं को लेकर पर्याप्त समय मिल सके। अभ्यर्थियों के अलग-अलग मत पर अधिकारियों ने अपनी बात कही। घंटेभर में मंथन करने के बाद अधिकारियों ने परीक्षा को लेकर यह निर्णय लिया कि पूर्व में तय शेड्यूल के आधार पर पेपर रखे जाएंगे। आयोग के अधिकारी रवींद्र पंचभाई का कहना है कि परीक्षा में कोई बदलाव नहीं किया है। फेरबदल करने से बाकी परीक्षाएं प्रभावित होंगी, जिसमें राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2024 भी शामिल होगी। उन्होंने कहा कि पीएससी 2024 में पद बढ़ाने के लिए भी सभी विभागों को पत्र लिखा गया है।

कलेक्टर ने नहीं दी धरने की अनुमति

अनिश्चिकालीन धरने की अनुमति मांगने अभ्यर्थी सोमवार को कलेक्टर आशीष सिंह से भी मिले। उन्होंने परीक्षा के लिए कम समय दिए जाने की बात कही तो कलेक्टर ने पढ़ाई करने की सलाह दी। बाद में एसडीएम से भी चर्चा की गई। जिला प्रशासन ने धरने की अनुमति देने से मना कर दिया। अभ्यर्थी आकाश पाठक का कहना है कि आंदोलन जारी रखा जाएगा। मंगलवार को अभ्यर्थी आपस में चर्चा कर रणनीति बनाएंगे।

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