ये ससुरे मैकॉले ने हमारी शिक्षा व्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया वरना अपन कब के विश्वगुरु हो गए होते।जब भारत में प्राथमिक शिक्षा के स्तर के बारे में रिपोर्ट पढ़ते हैं तब से कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया सुनने के इंतजार रहता है। संसद में जब शिक्षा की बात …
Read More »जश्न मनाइये कि देश चंद पूंजीपतियों की सम्पत्ति होने जा रहा…!
कल लोकसभा ने मज़दूरों के अब तक बहुत सारे संघर्षों से मिले अधिकारों को नये बिल के ज़रिये तिलांजलि दे दी। किसानों के बाद मज़दूरों को भी हलाल कर दिया गया । आज विपक्ष से ख़ाली राज्य सभा भी इसे पास ही कर देगी । अब किसी व्यावसायिक इकाई में …
Read More »कृषि विधेयक: मनमानी आखिर क्यों….!
बीते पांच सालों को देखें तो एक आम किसान जो फसलें पैदा करने के लिए हाड़तोड़ मेहनत करता है, उपज के लिए न दिन देखता है, न रात। उसके लिए खेती अब घाटे का सौदा हो चुकी है, और चिंताजनक बात यह है कि हरित क्रांति के सिपाहियों का यह …
Read More »चीन से तनातनी पर सतही राजनीति
रूस में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बातचीत के दौरान लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने पर सहमति तो बन गई, लेकिन दोनों पक्षों की ओर से जारी संयुक्त बयान यह नहीं कहता कि चीनी सेना अप्रैल वाली यथास्थिति कायम करेगी। जब तक ऐसा नहीं …
Read More »ये हो क्या “रिया” है !
मुंबई की मायानगरी में इन दिनों एक अजब तमाशा चल रहा है। इस तमाशे की पटकथा क्योंकि पेशेवर लेखकों की बजाए नौसिखिये नेता-नुमा छुटभैयों ने लिखी थी इसलिए फ्लॉप हो गई मगर इसके चलते राजनीति और राजनेताओं का स्तर गटर से भी नीचे चला गया है। मुंबई विशुद्ध पैसेवालों की …
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