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Baba Barfani: बाबा बर्फानी की यात्रा पर मंगलवार को रवाना होंगे यात्री, 30 जून से 11 अगस्त तक 42 दिन होंगे दर्शन

Travelers from all over the state will leave tomorrow on baba barfanis journey there will be 42 days from june 30 to august: digi desk/BHN/रायपुर/ कोरोना महामारी के दो साल बाद बाबा अमरनाथ की दुर्गम यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त तक यानी 42 दिनों तक चलेगी। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों से जत्था रवाना होगा। राजधानी से पहला जत्था 28 जून को जम्मूतवी एक्सप्रेस से रवाना होगा। श्री अमरनाथ यात्रा सेवा समिति के अध्यक्ष गंगाप्रसाद यादव एवं ओम शिवशक्ति सेवा मंडल के अध्यक्ष अतुल भाई पटेल ने बताया कि पहला जत्था मंगलवार को दोपहर 12 बजे दुर्ग-जम्मूतवी एक्सप्रेस से रवाना होगा। समिति के नेतृत्व में पिछले 27 सालों से यात्रा निकाली जा रही है।

कोरोना महामारी में दो साल तक 2020 और 2021 में अमरनाथ यात्रा पर प्रतिबंध लगने से यात्रा नहीं निकाली गई थी। इस साल राजधानी से 100 से अधिक यात्री बाबा बर्फानी का दर्शन करने जा रहे हैं। राजधानी के अलावा जगदलपुर, धमतरी, कांकेर, बालोद, राजनांदगांव, दुर्ग, महासमुंद, बिलासपुर, कोरबा आदि शहरों से भी यात्री शामिल होंगे। प्रदेशभर से यात्री बाबा बर्फानी का दर्शन लाभ लेंगे।

तीन जुलाई को पवित्र गुफा में अमरनाथ का दर्शन

पिछले 25 सालों से यात्रा पर जा रहे गंगाप्रसाद यादव ने बताया कि 28 जून को राजधानी से निकलने वाली ट्रेन 29 जून की रात्रि जम्मू पहुंचेगी। छत्तीसगढ़ के यात्री 30 जून को जम्मू से रवाना होने वाले जत्थे में शामिल होंगे। सुबह वाहन से पहलगाम पहुंचकर विश्राम करेंगे। एक जुलाई को पहलगाम से चंदनबाड़ी होते हुए शेषनाग कैंप पहुंचेंगे। दो जुलाई को सुबह शेषनाग कैंप से पंचतरणी कैंप पहुंचकर विश्राम करेंगे। तीन जुलाई को पंचतरणी से श्री अमरनाथ गुफा पहुंचकर बाबा अमरनाथ का दर्शन करके विश्राम करेंगे। चार जुलाई को बाबा अमरनाथ गुफा से बांस टाल पहुंचेंगे। पांच जुलाई को बांसटाल से कटरा पहुंचकर माता वैष्णोदेवी के दर्शन करके विश्राम करेंगे। छह जुलाई को कटरा से निकलकर वापसी में स्वर्ण मंदिर, बाघा बार्डर, दिल्ली होते हुए श्रद्घालु सात जुलाई को वापस राजधानी पहुचेंगे।

समुद्र तल से 13600 फीट ऊंचाई पर गुफा

पांच बार बाबा अमरनाथ की यात्रा कर चुके प्रणय तिवारी बताते हैं कि अमरनाथ की गुफा कश्मीर के श्रीनगर शहर से लगभग 140 किलोमीटर दूर है। यह समुद्रतल से 13600 फीट ऊंचाई पर है। गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर तथा ऊंचाई 11 मीटर है।

प्राकृतिक बर्फ से बनता है शिवलिंग

ऐसी मान्यता है कि अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। शिवलिंग का निर्माण अपने आप प्राकृतिक बर्फ से होता है। शिवलिंग चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ घटता-बढ़ता है। सावन महीने के अंतिम दिन पूर्णिमा को यह पूरे आकार में आ जाता है। धीरे धीरे शिवलिंग छोटा होता जाता है।

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