अपने गौरव को वापस लाने, पहचान को पुन: स्थापित करने की लड़ाई है
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना लोकसभा चुनाव के अंतिम दिन डोर टू डोर कैपेनिंग के अंतिम दिन कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा ने जनसंपर्क के दौरान कहा कि यह चुनाव सतना के भविष्य का चुनाव है। अपने गौरव को वापस लाने और अपनी पहचान को पुन: स्थापित करने की लड़ाई है। किस तरह से पिछले बीस सालों में सतना से एक-एक करके पहले तो पेट्रोलियम डिपो, फिर कृषि उपज मंडी और विंध्य की व्यापारिक राजधानी की पहचान समाप्त हो गई। तो दूसरी ओर शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार के लिए हमारा जिला पूरी तरह से बड़े शहरों पर निर्भर हो गया। इस तरह न तो हम अपने ज़िले का गौरव बचा सके और न पहचान और न ही अपने घर परिवार के साथ रह पाये। भाजपा की सरकार और उनके जनप्रतिनिधियों ने जिले को कुछ दिया तो नहीं लेकिन दोहन भरपूर किया है। फैक्ट्रीयों के माध्यम से खनिज संसाधनों का दोहन सरकारी मशीनरी पर दबाव बना कर सरकारी जमीनों का बंदरबाँट योजनाओं के नाम पर खुली लूट और स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर को गड्ढे में तब्दील करने, अधूरे सड़क में पूरी टोल वसूली, बिना पानी के ख़ाली टोंटी लगाने, बिना अस्पताल के मेडिकल कॉलेज इन सभी अधूरे कामों को विकास दिखाने की नाकाम कोशिश को जनता ने अब पहचान लिया है।
निरंकुश व्यवस्था के खिलाफ है जनता
श्री कुशवाहा ने कहा कि रोजगार के नाम पर संविदा का जुमला जिसमें शोषण के अलावा व्यक्ति को कुछ नहीं मिलता, डीजल खाद बीज की बिजली की बढ़ी दरों ने खेती की लागत को तो बढ़ा दिया है। लेकिन भाजपा अपने वादे के अनुसार बढ़े दामों में ख़रीदी न कर के किसानों के साथ धोखा कर के उन्हें कर्ज के बोझ तले दबा रही है। वहीं दूसरी तरफ बाजार की महगांई में गृहणियों को घर चलना मुश्किल पड़ रहा है, गैस के बढ़े हुए दाम आटा, दाल, तेल, सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है। अब समाज के सभी वर्गों युवाओं, महिलाओं, किसानों, संविदा कर्मियों, व्यापारियों, ने सतना के भविष्य के लिए न्याय की इस लड़ाई में आखिरी आहुति देकर इस निरंकुश व्यवस्था के खिलाफ जनादेश का मन बना लिया है। साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी सिद्वार्थ कुशवाहा ने कहा कि उनको जनता का आर्शीवाद मिल रहा है।
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