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Google: Google ने किया असमिया, भोजपुरी, डोंगरी, मैथली, संस्कृत समेत 24 नई भाषाओं को गूगल ट्रांसलेट में जोड़ने का ऐलान

New launches google announced the addition of 24 new languages including assamese bhojpuri dongri maithili sanskrit in google translate: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने 11 मई को Google I/O 2022 इवेंट में 24 नई भाषाओं को गूगल ट्रांसलेट में जोड़ने का ऐलान किया है। जिन लैंग्वेज को गूगल ट्रांसलेट में शामिल किया गया है, उसमें असमिया, भोजपुरी, डोंगरी, मैथली, संस्कृत जैसी भाषा शामिल हैं। मतलब अगर अब आपको हिंदी या अंग्रेजी जैसी भाषाएं नहीं आती हैं, तो आप इन भाषाओं को अपनी लोकल लैंग्वेज जैसे भोजपुरी, डोंगरी, मैथली और संस्कृत में ट्रांसलेट कर पाएंगे।

पूरा सही अनुवाद मिलेगा

रियल टाइम ट्रांसलेशन के लिए गूगल ने मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जिससे बिना किसी गलती के सटीक ट्रांसलेशन मौजूद हो सके। सुंदर पिचाई के मानें, तो अभी तक अंग्रेजी को फ्रेज (Phrase) को हिंदी में ट्रांसलेशन करने पर उसका अर्थ बिगड़ जाता था। लेकिन मशीन लर्निंग की मदद से इसे दूर किया जा सकेगा।

ऐसे कर पाएंगे ट्रांसलेशन

1. सबसे पहले गूगल ट्रांसलेशन को गूगल सर्च करना होगा।

2. वहीं सीधे https://translate.google.co.in/ पर क्लिक पेज ओपन कर पाएंगे।

3. साथ ही गूगल प्ले स्टोर से ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं।

4. पेज ओपन होने के बाद दो कॉलम दिखाई देंगे।

5. इसमे से एक कॉलम को जिसका ट्रांसलेशन करना चाहते हैं, उसे लैंग्वेज को सेलेक्ट करना चाहिए।

6. दूसरे कॉलम में जिस भाषा में ट्रांसलेशन करना चाहते हैं, उसे सेलेक्ट कर लेना चाहिए।

इन 24 नई भाषाओं को गूगल ट्रांसलेट में मिलेगा सपोर्ट

  • Assamese
  • Aymara
  • Bambara
  • Bhojpuri
  • Dhivehi
  • Dogri
  • Ewe
  • Guarani
  • llocano
  • konkani
  • krio
  • lingala
  • luganda
  • maithili
  • meiteilon
  • mizo
  • Oromo
  • Quechua
  • Sanskrit
  • Sepedi
  • sorani kurdish
  • Tigrinya
  • Tsongae

गूगल ट्रांसलेट ने नई-नई भारत की लोकल भाषाओं को जोड़ा

एक वक्त था, जब गूगल ट्रांसलेट में केवल हिंदी में ट्रांसलेशन का ऑप्शन मौजूद था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में गूगल ट्रांसलेट ने नई-नई भारत की लोकल भाषाओं को जोड़ा गया है। भारत में हजारों की संख्या में बोली और भाषाएं मौजूद है। जिससे आपसी संवाद स्थापित करने में काफी दिक्कत होती है। लेकिन भाषा की इन बंदिशों को टेक्नोलॉजी ने काफी हद तक करने का काम किया है। इस मामले में गूगल ट्रांसलेट का नाम सबसे पहले आता है।

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