Panic switch in buses:digi desk/BHN/ राज्य सरकार ने प्रदेश के यात्री वाहनों में पैनिक बटन लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परिवहन विभाग इस महीने के अंत तक इस पर काम शुरू कर सकता है। पहले चरण में ये बटन स्कूल वाहनों में लगाए जाएंगे। इसके बाद अन्य यात्री वाहनों का नंबर आएगा। ऑटो और कैब में भी यात्रियों को यह सुविधा दी जाएगी। हालांकि सरकार यात्री वाहनों में ड्राइवर और कंडक्टर को खाकी वर्दी देने को राजी नहीं है। ये प्रस्ताव फिलहाल लंबित रखा गया है।
यात्रा के दौरान महिलाओं और बच्चियों से छेड़छाड़ की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यात्री वाहनों में पैनिक बटन लगाने का प्रस्ताव लाया गया है। कमल नाथ सरकार में परिवहन मंत्री रहते हुए गोविंद सिंह राजपूत यह प्रस्ताव लाए थे, जो मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय में था। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब विभाग वाहनों में जीपीएस सिस्टम और पैनिक बटन लगाने की रणनीति बना रहा है। सूत्र बताते हैं कि जनवरी के अंत या फरवरी माह में स्कूल वाहनों से पैनिक बटन लगाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। फिर यात्री बस, ऑटो और कैब में बटन लगाए जाएंगे। सरकार नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन पैनिक बटन और जीपीएस लगाने के बाद ही करेगी।
आपात स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा होगी
पैनिक बटन आपात स्थिति में यात्रियों के काम आएगा। वाहन में छेड़छाड़, अभद्रता या दुर्घटना की स्थिति में कोई भी यात्री पैनिक बटन दबाता है, तो राज्य स्तर पर बनाए जा रहे कंट्रोल रूम और पुलिस हेल्पलाइन पर अलार्म बज जाएगा। पुलिस जीपीएस की मदद से वाहन की लोकेशन ट्रेस करेगी और नजदीकी पुलिस सहायता के लिए मौके पर पहुंच जाएगी। वाहनों में ये बटन ऐसे स्थान पर लगाया जाएगा, जहां यात्रियों का हाथ आसानी से पहुंच सके और वे आसानी से उसे दबा सकें। इसके लिए सभी यात्री वाहनों में जीपीएस सिस्टम भी लगाया जाएगा, जो यात्रा के दौरान चालू रखना अनिवार्य होगा।
राज्य स्तर पर बनेगा कंट्रोल रूम
पैनिक बटन के माध्यम से आने वाले संदेश की मॉनीटरिंग के लिए राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम बनेगा। विभाग पुलिस के राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम का भी उपयोग कर सकता है। फिर पहला अलर्ट स्थानीय पुलिस के साथ इस कंट्रोल रूम को भी आएगा और यहां से तत्काल संबंधित जिले या थाने को सूचना भेजी जाएगी।