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विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मकर संक्रांति से पुरातन के प्रवर्तन का उत्तरायण होने जा रहा, 2021 में खोदाई के दौरान मिला था

उज्जैन
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मकर संक्रांति से पुरातन के प्रवर्तन का उत्तरायण होने जा रहा है। मध्यप्रदेश पुरातत्व विभाग ने मंदिर परिसर में 1000 साल पुराने शिव मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की तैयारी कर ली है। मध्य प्रदेश पुरातत्व आयुक्त अर्मिला शुक्ला ने पुरातत्व अधिकारी डा.रमेश यादव के नेतृत्व में निर्माण समिति का गठन कर दिया है।

इस मंदिर को उज्जैन संभाग के पहले पुनर्निर्मित होने वाले मंदिर का गौरव भी प्राप्त होगा। महाकाल मंदिर में नवनिर्माण के लिए की जा रही खोदाई के दौरान साल 2021 में 1000 साल पुराने शिव मंदिर के पुराअवशेष प्राप्त हुए थे। मंदिर समिति ने इसकी जानकारी भोपाल स्थित मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग कार्यालय को दी। इसके बाद विशेषज्ञों का दल उज्जैन पहुंचा और जांच शुरू की।
 
पड़ताल में खोदे गए स्थान पर प्राचीन मंदिर होने के प्रमाण मिले। इसके बाद विभाग ने शोध अधिकारी डा.ध्रुवेंद्र जोधा के निर्देशन में कुशल खनिकों द्वारा उत्खनन कार्य शुरू कराया। विभाग को महाकाल मंदिर का गौरवशाली इतिहास जानने में शीघ्र सफलता मिली और भूर्गभ से एक हजार साल पुराने शिव मंदिर का आधार (जगती तक) भाग, भारवाही कीचक, कपोतिका, कुंभ भाग आदि मंदिर अवशेषों के साथ शिवलिंग, नंदी व गणेश, मां चामुंडा आदि मूर्तियां प्राप्त हुई।
 
विभाग ने पुराअवशेषों को एक स्थान पर एकत्रित कर नंबरिंग कराई। शोध में पुरातन शिव मंदिर भूमिज शैली में निर्मित होना पाया गया। इसी शैली में इस मंदिर का पुनर्निर्माण होगा। विभागीय योजना के अनुसार मंदिर की ऊंचाई 37 फीट रहेगी।
निर्माण में 65 से 70 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। पुनर्निर्माण में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा। महाकाल मंदिर में आकार लेने वाला शिव मंदिर उज्जैन संभाग का पहला पुनर्निर्मित मंदिर होगा।

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