Sunday , May 19 2024
Breaking News

भगवान के दर्शन के लिए बिचौलिये नहीं चाहिए, 22 जनवरी का आयोजन धार्मिक नहीं : पवन खेड़ा

नई दिल्ली
कांग्रेस ने दावा किया कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम धार्मिक नहीं बल्कि पूरी तरह से राजनीतिक है क्योंकि इसे विधि-विधान से और चारों पीठों के शंकराचार्यों की देखरेख में नहीं किया जा रहा है।

पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भारतीय जनता पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि भगवान राम के दर्शन के लिए किसी बिचौलिये की जरूरत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 22 जनवरी की तारीख का चयन लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया गया है।

कांग्रेस नेता ने स्पष्ट किया कि पार्टी के भीतर हर कोई अपनी आस्था का अनुसरण करने के लिए स्वतंत्र है और पार्टी के शीर्ष नेताओं ने सिर्फ 22 जनवरी के कार्यक्रम के निमंत्रण को अस्वीकार किया है।

भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस के तीन शीर्ष नेताओं को भेजे गए निमंत्रण को अस्वीकार करने के विपक्षी पार्टी के फैसले की बृहस्पतिवार को आलोचना की थी और दावा किया था कि इससे भारत की संस्कृति और हिंदू धर्म के प्रति पार्टी का स्वाभाविक विरोध उजागर हो गया है।

कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को यह कहते हुए ‘ससम्मान अस्वीकार’ कर दिया था कि यह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यक्रम है तथा इसका उद्देश्य चुनावी लाभ लेना है।

खेड़ा ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘ यह कोई राजनीतिक दल तय नहीं कर सकता कि मैं अपने भगवान से मिलने जाऊं या ना जाऊं। मंदिर में कम से कम किसी इंसान द्वारा तो नहीं बुलाया जाता है और न ही किसी को रोका जाता है। लेकिन यहां तो एक उलटी गंगा बहाई जा रही है। ‘

उन्होंने कहा, ‘किसी भी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा विधि विधान और धर्मशास्त्र के हिसाब से होती है। लेकिन क्या यह कार्यक्रम धार्मिक है? अगर यह कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या यह धार्मिक विधि-विधान या धर्मशास्त्र के अनुसार किया जा रहा है और क्या यह चारों शंकराचार्यों की सलाह और उनकी देखरेख में किया जा रहा है?’

उन्होंने कहा कि चारों शंकराचार्य स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से राजनीतिक है।

खेड़ा ने कहा, ‘मैं यह बर्दाश्त क्यों करूंगा कि एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता मेरे और मेरे भगवान के बीच बिचौलिए बनकर बैठ जाएं। मुझे भगवान के दर्शन के लिए बिचौलिए की जरूरत क्यों पड़ेगी?’

उन्होंने दावा किया कि इस पूरे आयोजन में धर्म और आस्था नहीं दिखाई दे रही है, सिर्फ और सिर्फ राजनीति दिखाई दे रही है।

उन्होंने सवाल किया कि 22 जनवरी की तारीख का चुनाव किस पंचांग को देखकर किया गया है?

खेड़ा ने दावा किया कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए तारीख का चयन नहीं किया गया है, बल्कि चुनाव को देखकर तारीख का चयन किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘ एक व्यक्ति के राजनीतिक तमाशे के लिए हम अपने भगवान और आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं देख सकते… यह धार्मिक आयोजन नहीं है, यह पूर्ण रूप से राजनीतिक आयोजन है।’

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘ जहां हमारे शंकराचार्य नहीं जा रहे हैं, हम वहां नहीं जा रहे हैं। बहुत ही वीभत्स राजनीति की जा रही है। ‘ उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने सनातन धर्म को ही संप्रदायों में बांटने का काम किया है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि शंकराचार्यों का अपमान हिंदू धर्म के अनुयायियों का भी अपमान है।

सुप्रिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी प्रमुख नेता 15 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर अयोध्या जा रहे हैं।

 

About rishi pandit

Check Also

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज संकेत दिया- राष्ट्रीय स्तर पर तृणमूल कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथ

कोलकाता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को संकेत दिया कि केंद्र में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *