सरकार कृषि बिल के फायदे गिनाने में जुटी रही
किसानों की दो-टूक, रद्द करो कानून
Kisan Sarkar Varta Updates:digi desk/BHN/ फार्मर्स बिल पर सरकार व किसानों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। किसान नेताओं व केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बीच सोमवार को हुई वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों को कृषि कानून के फायदे की दुहाई देकर बार-बार उनसे आंदोलन समाप्त करने की अपील कर रही है तो वहीं दूसरी ओर बीते 40 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान कृषि कानूनों के प्रावधान रद्द करने के सिवाय सरकार की कोई दलील सुनने को तैयार नहीं है। सोमवार को आंदोलन कर रहे किसानों व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच सातवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व केंद्रीय मंत्री ने संकेत दिये थे कि सोमवार को होने वाली बातचीत में कोई न कोई समाधान जरूर निकलेगा, पर सरकार कृषि कानून लागू करने पर अड़ी है और किसान इसे रद्द करने को लेकर दिल्ली घेरे बैठे हैं। सोमवार की बातचीत बेनतीजा होने के बाद एक बार फिर 8 जनवरी को वार्ता होगी।
इससे पहले छठे दौर की वार्ता 30 दिसंबर को हुई थी। तब दोनों पक्ष दो मुद्दों पर आम सहमति पर पहुंच गए थे – बिजली की दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड। हालांकि, पांच घटे चली यह बैठक तीन कृषि विधानों पर गतिरोध को तोड़ने में विफल रही। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए एक कानूनी गारंटी का मामला अभी तक टकराव का कारण बना हुआ है।
अब तक दिल्ली बॉर्डर पर तीन किसानों की मौत
वहीं बिगड़ते मौसम के बीच अब तक दिल्ली बॉर्डर पर तीन किसानों की मौत हो चुकी है। बीते करीब एक महीने में दम तोड़ने वाले किसानों में शामिल हैं – जींद जिले के 66 वर्षीय जगबीर और बठिंडा के 18 वर्षीय जशनप्रीत की टिकरी में मौत हो गई, जबकि संगरूर के 44 वर्षीय शमशेर सिंहू विरोध स्थल पर एक ट्रक के अंदर मृत पाए गए हैं।