युवाओं को स्व-रोजगार से जोड़ने सरकार की विशेष पहल
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देशानुसार मकर संक्रांति के अवसर पर सतना जिले में 11 एवं 12 जनवरी को आयोजित रोजगार मेले के शुभारंभ अवसर पर 679 हितग्राहियों को रोजगार स्थापित करने 23 करोड़ 84 लाख रुपये की ऋण सहायता स्वीकृत की गई है। सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ अपर कलेक्टर ऋषि पवार और जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन अंजुला झा ने किया। इस मौके पर डिप्टी कलेक्टर गोविंद सोनी, महाप्रबंधक उद्योग एस.एल पांडेय, एलडीएम गौतम शर्मा, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग केके शुक्ला, खादी ग्रामोद्योग प्रबंधक सत्य सागर, हथकरघा के रोहित पटेल सहित स्व-सहायता समूहों की लाभान्वित हितग्राही महिलायें एवं युवा उद्यमी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े ने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत शिल्प एवं विभिन्न व्यवसाय करने वाले श्रमिकों के लिये संचालित की जा रही प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का बेहतर प्रचार-प्रसार करें। उन्होने बताया कि जिले की 297 ग्राम पंचायत क्षेत्र के लगभग 2500 हितग्राहियों के आवेदन पंजीकृत हो चुके हैं। योजना के तहत 18 ट्रेड के परंपरागत कारीगर, श्रमिक अपने क्षेत्र के कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर पंजीयन करा सकते हैं। योजना में चयनित हितग्राही को 5 दिन की ट्रेनिंग और 15 हजार रुपये कीमत का टूल किट दिया जायेगा। इसके अलावा क्षेत्र के बैंक से 5 प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख रुपये का ऋण प्रथम चरण में दिया जायेगा। समय पर ऋण वापसी के पश्चात बैंक द्वारा 3 लाख रुपये तक का लोन दिया जा सकेगा।
एलडीएम गौतम शर्मा ने बताया कि स्व-रोजगार की योजनाओं में प्राप्त ऋण का सदुपयोग कर युवा बैंक को ऋण राशि की वापसी समय पर करेंगे, तो उनकी साख और सिविल अच्छी रहेगी। अच्छी साख वाले हितग्राहियों को अगला लोन देने के लिये सभी बैंकर्स तत्पर रहते हैं। सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण श्री शुक्ला ने बताया कि पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों को उद्यम योजना और स्व-रोजगार की योजनाओं में 1 लाख से 50 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है। खादी ग्रामोद्योग के सहायक संचालक सत्य सागर ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की जानकारी दी।
मध्यप्रदेश डे आजीविका मिशन ग्रामीण की जिला परियोजना प्रबंधक अंजुला झा ने बताया कि मिशन की योजनाओं में महिलाओं को सीसीएल के माध्यम से 6 लाख रुपये और मुद्रा योजना में व्यक्तिगत रुप से 1 लाख रुपये तक का ऋण स्व-रोजगार के लिये दिया जाता है। सतना जिले में आजीविका मिशन के स्व-रोजगार के 90 करोड़ रुपये निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 76 करोड़ रुपये का ऋण वितरण कर 84 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है।
कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत डॉ झाड़े ने रोजगार मेले में सांकेतिक रुप से मुद्रा योजना में राजललन गोंड़ को एक लाख रुपये का चेक, आजीविका मिशन की 65 महिला स्व-सहायता समूहों को 1 करोड़ 15 लाख रुपये का चेक और इंडियन बैंक द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को स्वीकृत 1 करोड़ 50 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया।
रोजगार मेलों में अब तक 18919 युवाओं को स्व-रोजगार के लिये 281 करोड़ 54 लाख रुपये की सहायता
रोजगार मेले में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक एस.एल पांडेय ने बताया कि विभाग के निर्देशानुसार वित्त सहायित शासकीय स्व-रोजगार की योजनाओं में प्रतिमाह रोजगार दिवस का आयोजन कर हितग्राहियों को स्व-रोजगार के लिये राशि स्वीकृत, वितरण की जा रही है। सतना जिले में अब तक आयोजित स्व-रोजगार मेलों के माध्यम से 18 हजार 919 युवा उद्यमियों को स्व-रोजगार स्थापित करने 281 करोड़ 54 लाख रुपये की आर्थिक मदद उपलब्ध कराई गई है। इनमें वित्तीय वर्ष 2022-23 के रोजगार मेलों में 16 हजार 618 युवाओं को दी गई 198 करोड़ 27 लाख 84 हजार रुपये की सहायता भी शामिल है।
मकर संक्राति महोत्सव के अवसर पर युवाओं एवं महिलाओं के कल्याण केंद्रित आज के रोजगार मेले में 22 सितंबर 2023 से लेकर 11 जनवरी 2024 तक के 679 हितग्राहियों को 23 करोड़ 84 लाख 45 हजार रुपये की ऋण अनुदान सहायता दी गई है। जिनमें मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में 273 हितग्राहियों को 9 करोड़ 72 लाख 70 हजार, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 69 हितग्राहियों को 3 करोड़ 31 लाख 40 हजार, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में 148 हितग्राहियों को 27 लाख 90 हजार, ग्रामीण आजीविका मिशन में 2 हितग्राही को 4 लाख, शहरी आजीविका मिशन व्यक्तिगत में 4 हितग्राहियों को 12 लाख, शहरी आजीविका मिशन समूह में 4 समूहों को 4 लाख, ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में 44 हितग्राही को 4 लाख 40 हजार, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 31 हितग्राहियों को 272 लाख 75 हजार तथा अन्य योजनाओं में 122 हितग्राहियों को स्व-रोजगार स्थापित करने 7 करोड़ 55 लाख 30 हजार रुपये की सहायता उपलब्ध कराई गई है।