New schme for electricity:digi desk/BHN/ प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए थाने खुल रहे हैं। जिस तरह से अपराध नियंत्रण का काम पुलिस करती है उसी तरह बिजली चोरी से जुड़े मामलों की बिजली थाने में हल किया जाएगा। बिजली कंपनी लगातार बढ़ रही चोरी और वसूली में आ रही दिक्कतों को देखकर बिजली थाने खोलने जा रही है। इस संबंध में उर्जा विभाग से प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को पत्र जारी हुआ है कि वे जल्द थानों के लिए स्थान सुनिश्चित करे।
ऐसे होंगे बिजली थाने
पिछले एक साल से थाने खोलने की कवायद चल रही थी। अब शासन ने वितरण कंपनियों को इसकी मंजूरी दी है। हर थाने में हो सकता है 2 उप निरीक्षक, 4 सहायक उप निरीक्षक, 8 प्रधान आरक्षक के अलावा 16 आरक्षक का स्टाफ। अभी बिजली चोरी से जुड़े मामलों में बिजली विभाग को सामान्य पुलिस से मदद लेनी होती है। कई बार उपभोक्ता की तरफ से मारपीट भी होती थी जिसको लेकर लंबे समय से बिजली थाने खोलने की मांग कर्मचारी संघ कर रहे थे।
बिजली चोरी के प्रकरण यहा
बिजली चोरी, बिजली अधिकारियों से जुड़े विवाद सभी प्रकरणों के लिए अलग से थाना होगा। जहां इन मामलों की जांच की जाएगी। राजस्व वसूली के दौरान भी बिजली अधिकारी कंपनी की पुलिस की मदद ले सकते हैं। कानूनी अधिकार क्या होंगे अभी इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।
लाइन काटने में विवाद
बिजली अधिकारियों के साथ सबसे ज्यादा उपभोक्ताओं के विवाद डिसकनेक्शन के वक्त होंते है। बकाया वसूली नहीं होने पर बिजली विभाग उपभोक्ता की लाइन काटने पहुंच जाता है ऐसे में उपभोक्ता बिजली कर्मियों से विवाद करने लगते हैं ऐसे मामलों में बिजली कंपनी बिजली थानों की मदद ले पाएगी।