राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2022 सोमवार से 13 जनवरी तक
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2022 का आयोजन प्रदेश के 10 संभागों के जिले के परीक्षा केन्द्रों पर 8 जनवरी से 13 जनवरी तक किया जा रहा है। सतना जिले में केवल एक शासकीय उत्कृष्ट उ. मा. वि. व्यंक्ट क्रमांक एक सतना को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2022 कुल 6 दिवस 8 से 13 जनवरी 2024 को एक सत्र में प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित होगी।
परीक्षा नियंत्रक ने कहा है कि राज्य सेवा मुख्य परीक्षा में इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के दुरूपयोग को रोकने जूते-मोजे, गर्म कपड़े, टोपी, मफलर आदि पहनकर केन्द्र में प्रवेश पर रोक लगाई गई है। लेकिन राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2022 शीतकाल में आयोजित की जा रही है। मानवीय दृष्टिकोण से मौसम की प्रतिकूलता को देखते हुए जहॉं स्थानीय प्रशासन उचित समझें। वहां जूते-मोजे, गर्म कपड़े, आदि की अनुमति प्रदान कर सकता है। बशर्तें कि इन वस्तुओं के साथ अभ्यर्थियों के परीक्षा कक्ष में प्रवेश से पूर्व फ्रिस्किंग की प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाये। इसके अलावा महिला अभ्यर्थियों की फ्रिस्किंग प्रक्रिया केवल महिला आरक्षक अथवा महिला अधिकारी द्वारा ही कराई जा सकेगी, ताकि कोई भी वर्जित वस्तु के साथ परीक्षा केन्द्र में नहीं लाई जा सके।
किसानों को फसलों को पाले से बचाने की सलाह
जिले में 10 दिनों से शीत लहर का प्रकोप है। पिछले 48 घंटों से पूरे जिले में रूक-रूक कर हल्की वर्षा हो रही है। यह वर्षा गेंहू की फसल के लिए बहुत लाभदायक है। चने तथा अन्य फसलों को भी इससे फायदा होगा। दलहनी और तिलहनी फसलों को वर्षा से नुकसान हो सकता है। तापमान में गिरावट तथा आसमान पर कोहरा छाने से मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहा है। रात का तापमान सामान्य से कम दर्ज किया जा रहा है। तापमान में गिरावट से फसलों में शीतलहर के प्रकोप की भी आशंका है। इसे ध्यान में रखते हुए उप संचालक कृषि मनोज कश्यप ने किसानों को फसलों को पाले के प्रकोप से बचाने के लिए सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि तापमान में गिरावट का सर्वाधिक असर दलहनी, तिलहनी तथा सब्जी की फसलों में होता है। इन्हें पाले के प्रकोप से बचाने के लिये किसान भाई खेतों में हल्की सिंचाई करें। साथ ही रात्रि में 12 से 2 बजे के बीच मेड़ों पर कचरे को जलाकर धुआं करें। पाले से बचाव के लिये फसलों पर सल्फर का 0.1 प्रतिशत घोल बनाकर छिड़काव करें। इससे फसलों पर पाला का प्रभाव कम हो जाता है। उप संचालक कृषि ने पौधशाला के पौधों एवं क्षेत्र वाले उद्यानों व नगदी सब्जी वाली फसलों को टाट अथवा पॉलीथिन अथवा भूसे से ढकने का सुझाव भी दिया है।