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भारत में आजमाए चुनावी तिकड़म के भरोसे हाफिज सईद, जानें- बेटे को MP बनाने के लिए अपनाई कौन सी तरकीब?

नई दिल्ली
26/11 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और आतंकी हाफिज सईद ने अपने बेटे तल्हा सईद को पाकिस्तान के संसदीय चुनावों में लाहौर की NA-127 सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहां 8 फरवरी, 2024 को चुनाव होने वाले हैं। पेशे से लेक्चरर लल्हा सईद ने PMML पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है।

PMML का पूरा नाम पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग होता है। यह नाम पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी PML-N (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) से मिलता जुलता है। हैरत की बात यह है कि PMML के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु को भी उसी सीट से उम्मीदवार बनाया गया है, जहां से नवाज शरीफ भी मैदान में हैं। ये दोनों नेता लाहौर की NA-130 सीट से उम्मीदवार हैं। यह संयोग नहीं बल्कि प्रयोग है। हाफिज सईद ने ऐसा जानबूझकर किया है, ताकि लोग नवाज शरीफ और PMML पार्टी के नाम में कन्फ्यूज होकर उसे वोट कर दें। 2024 के चुनावों के लिए ही एमएमएल पर प्रतिबंध के कारण पीएमएमएल का गठन किया गया है।

भारत में ऐसे चुनावी तिकड़म 1980-90 के दशक तक खूब हुआ करते थे, जब एक ही नाम के कई कैंडिडेट्स को खड़ा कर दिया जाता था। मसलन, मुलायम के नाम से कई मुलायम खड़े हो जाते। इनमें कोई मुलायम सिंह होता था तो कोई मुलायम सिंह यादव  या पहलवान मुलायम या मुलायम उर्फ एबीसी टाइप का नाम होता था। कई बार पार्टियों के नाम से मिलते-जुलते नाम चुनावी मैदान में आ जाते थे या कई बार मिलते-जुलते चुनाव चिह्न से मतदाता कन्फ्यूज हो जाते थे और ये लोग वोट कटवा साबित होते थे। इससे कई बार चुनावी नतीजे प्रभावित हो जाते थे। बाद में चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों और मतदाताओं की जागरुकता ने ऐसे प्रयासों को विफल कर दिया।

2014 के लोकसभा चुनावों में भी ऐसा एक चर्चित मामला सामने आया था। हालांकि, तब दोनों उम्मीदवारों का नाम एक था। यह बात मथुरा संसदीय सीट की है, जहां बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर अभिनेत्री हेमामालिनी खड़ी थीं। उनका मुकाबला दूसरी हेमामालिनी से हो गया था। हालांकि, जीत बीजेपी वाली हेमामालिनी की हुई थी। 2019 में भी राहुल गांधी के सामने वायनाड संसदीय सीट से राघुल गांधी और दूसरे एक और राहुल गांधी मैदान में उतर आए थे। अभी हालिया चुनावों में मध्य प्रदेश की इंदौर की नौ विधानसभा सीटों में से पांच पर एक ही नाम के कई कैंडिडेट खड़े थे।

पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) पार्टी का कहना है कि यह एक राजनीतिक पार्टी है, पीएमएमएल का चुनाव चिन्ह ‘कुर्सी’ है। पीएमएमल के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचार के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा करने और पाकिस्तान को एक इस्लामिक कल्याणकारी राज्य बनाने के लिए सत्ता में आना चाहते हैं।

2018 के चुनावों में भी हाफिज सईद ने अपने बेटे और दामाद को उम्मीदवार बनाया था। पाकिस्तान चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक हाफिज का बेटा तल्हा सईद ने NA-91 (सरगोधा-IV) से और दामाद  हाफिज खालिद वलीद ने NA-133 (लाहौर-XI) से नामांकन दाखिल किया था। 2018 के संसदीय चुनावों में लाहौर NA-127 से PML-N के अली परवेज मलिक ने जीत दर्ज की थी, जबकि लाहौर NA-130 से  PTI के शफकत मेहमूद ने जीत दर्ज की थी।

बता दें कि हाफ़िज मोहम्मद सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और वर्तमान में जमात-उद-दावा से सम्बन्धित है। वह फिलहाल जेल में बंद है। यह भारत की सर्वाधिक वांछित अपराधियों की सूची में शामिल है। उसका बेटा तल्हा सईद आतंकियों को भर्ती करने, धन जुटाने के अलावा भारत और अफगानिस्तान में भारतीय हितों पर हमलों की योजना बनाता रहा है। पाकिस्तान में उसकी आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। अपनी सभाओं में ताल्हा भारत, इजराइल, अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ जेहाद की धमकी देता रहा है।

 

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