नई दिल्ली। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया (एनयूजे-आई) ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया। राष्ट्रीय अधिवेशन में विभिन्न पत्रकारों ने भाग लिया। इस दौरान केन्द्र एवं राज्य सरकारों से मीडिया जगत के लिए आर्थिक पैकेज देने की मांग की गई। इस दौरान यह भी बताया गया कि एनयूजे-आई अखबारों और चैनलों में पत्रकारों की छंटनी, वेतन कटौती, फर्जी मुकदमों में गिरफ्तारी, उत्पीड़न, पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने और मीडिया कांउसिल के गठन की मांग को लेकर देशभर में आंदोलन करेगी।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के महासचिव एंथनी बेलांगर ने राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा कि पत्रकारों के हित और कल्याण के लिए बड़े पैमाने पर कार्य करने की आवश्यकता है। एनयूजेआई के पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए किये जा रहे तमाम प्रयासों का समर्थन करते हैं। एनयूजे राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन में केंद्र और राज्य सरकारों से मीडिया जगत के लिए आर्थिक पैकेज देने की मांग की गई। केंद्र सरकार से मांग की गई कि आर्थिक संकट का सामना कर रहे मध्यम और लघु समाचार पत्रों के लिए आर्थिक पैकेज की जल्दी से जल्दी से घोषणा की जाए।
उन्होंने बताया कि कोरोना काल में छंटनी का शिकार बने पत्रकारों और कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। जिलों और छोटे कस्बों में काम करने वाले पत्रकारों को तो वेतन ही नहीं मिल रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें आर्थिक तौर पर संकट का सामना कर रहे पत्रकारों को एकमुश्त आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था कराएं। अधिवेशन में पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया कमीशन और मीडिया काउंसिल के गठन, कोरोना महामारी के चलते पत्रकारों का उत्पीड़न, एनयूजेआई के सविधान में संसोधन और अन्य कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर में फर्जी मुकदमे बनाकर पत्रकारों को जेल भेजने की निंदा की गई।
एनयूजे-आई के महासचिव प्रसन्ना मोहंती ने बताया कि संगठन के अध्यक्ष रास बिहारी की अध्यक्षता में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर में दो हजार से ज्यादा पत्रकारों ने हिस्सा लिया। राज्यों की राजधानियों के अलावा प्रमुख शहरों के साथ ही दूरदराज में काम करने वाले सदस्यों ने अधिवेशन में हिस्सा लिया।