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मुस्लिम समाज ने की पहल, इंदौर में दरगाह से खुद उतारे लाउडस्पीकर

इंदौर /भोपाल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव (Mohan Yadav) के निर्देश और जिला प्रशासन की समझाइश के बाद इंदौर (Indore) में कई धार्मिक स्थलों में अतिरिक्त रूप से लगे लाउडस्पीकर को निकाला गया है. मुस्लिम समाज ने पहल करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. खजराना क्षेत्र में नाहर शाह वली दरगाह में सहयोग और स्वेच्छा से लाउड स्पीकर उतारे गए हैं. खजराना दरगाह कमेटी के अध्यक्ष डॉ रिजवान पटेल ने मीडिया से बताया कि धार्मिक स्थानों के ऊपर लगे हुए स्पीकरों को उतारा गया है. डॉ रिजवान पटेल ने अपील भी की है कि सरकार और प्रशासन का मुस्लिम समाज सहयोग करे.

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बेवजह लगाए जा रहे धार्मिक स्थलों के स्पीकर को उतारने के आदेश जारी किए थे और मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका यह पहला आदेश था. इस पर अमल करते हुए हर जिले में कार्रवाई की जा रही है और इंदौर में भी इस क्रम में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का काम किया जा रहा है.

मुस्लिम समाज ने की पहल
प्रदेश भर में धर्मस्थलों पर एक लाउडस्पीकर के अलावा अतिरिक्त लाउडस्पीकरों को हटाया जा रहा है और इंदौर के अलग-अलग क्षेत्र में इस से जुड़ी कार्रवाई की जा रही है. बता दें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के बाद मुस्लिम समाज आगे आया है और प्रशासन का सहयोग करते हुए अपनी दरगाह और मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. इसी सिलसिले में खजराना क्षेत्र के नाहर शाह वली दरगाह में सहयोग और सुरक्षा के साथ लाउडस्पीकर उतारे गए हैं.

वहीं जानकारी देते हुए खजराना क्षेत्र की नहर शाह वली दरगाह के दरगाह कमेटी अध्यक्ष डॉ रिजवान पटेल ने कहा कि दरगाह के ऊपर लगे स्पीकर को आपसी सहमति से उतारा गया है. साथ ही रिजवान पटेल ने अन्य लोगों से भी अपील की है कि सरकार और प्रशासन का सहयोग करें ताकि मुस्लिम समाज मध्य प्रदेश में एक नई मिसाल कायम कर सके.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंदौर जिला प्रशासन ने इबादतगाहों से लाउडस्पीकर उतरवाने के लिए विशेष दस्ते का गठन किया है। थाना स्तर पर 13 फ्लाइंग दस्ता गठित किया गया है। इसमें स्थानीय थाना प्रभारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। इस निर्णय के बाद दस्ते ने शनिवार (16 दिसंबर) को इंदौर के ग्रामीण इलाकों की कई मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाए हैं। कार्रवाई से पहले प्रशासन ने तमाम मौलाना-मौलवियों के साथ बैठक की।

इस मीटिंग का नेतृत्व डीआइजी (ग्रामीण) राजेश हिंगणकर, कलेक्टर टी. इलैया राजा और पुलिस अधीक्षक ने किया। इंदौर के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्रवाई के दौरान ऐसी मस्जिदें भी दिखीं, जिस पर 7-7 माइक लगे हुए थे। प्रशासन की सख्ती के बाद कई इबादतगाहों से लाउडस्पीकर वहाँ के व्यवस्थापकों ने ही उतार लिए थे। इनमें खजराना में नाहर शाहवली दरगाह के सदर रिजवान भी शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस ने सांवेर, बड़गोंद और किशनगंज आदि क्षत्रों की कई मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों को हटवाया।

धार जिले में भी इबादतगाहों पर लगे अवैध लाउडस्पीकरों पर प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है। यहाँ मुस्लिम तबके के कई लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन किया है। NDTV से बातचीत में एक मुस्लिम व्यक्ति ने बताया कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने भी इसी तरह का आदेश दिया था, लेकिन अधिकारियों की कमी से उसका पालन नहीं हो पाया।

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में भी इबादतगाहों पर लगे अवैध लाउडस्पीकरों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के दौरान सुन्नी नूरानी मस्जिद अंकुर नगर, खानशाहवली कॉलोनी आदि स्थानों पर नियमों के विरुद्ध लगे लाउडस्पीकर हटा दिए गए।

हालाँकि, इस कार्रवाई की जद में कई मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर भी आए। कटनी पुलिस द्वारा शेयर की गई कार्रवाई की जानकारी में मंदिरों से लाउडस्पीकर उतारे जाने का मामला भी सामने आया है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, उनकी कार्रवाई शासन के निर्देशों के मुताबिक है।

बताते चलें कि इबादतगाहों पर अवैध तौर पर लगे लाउडस्पीकरों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी बड़ा अभियान छेड़ रखा है। इस अभियान के तहत नियमों को न मानने वाले लोगों पर FIR भी दर्ज की जा रही है।

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