भोपाल
मध्य प्रदेश में 18 दिसंबर यानि सोमवार से विधानसभा का सत्र प्रारंभ हो रहा है इससे पहले शनिवार शाम को कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष उपनेता और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति करती है इसके बाद भाजपा भी एक्टिव हो गई है अब मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन को लेकर प्रक्रिया तेज हो गई है। वहीं, मध्य प्रदेश के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है।
एमपी में आज तय होंगे मंत्रियों के नाम
मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन को लेकर प्रक्रिया तेज हो गई है इस परिपेक्ष में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंदन शर्मा आज दिल्ली जा सकते हैं। दिल्ली में हाई कमान के समक्ष मंत्रिमंडल की गठन को लेकर चर्चा की आसार हैं।
जुझारू नए चेहरे हो सकते हैं शामिल
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने संघ से जुड़े डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंका दिया है। इसी की झलक कैबिनेट में दिखने की बात कही जा रही है। चर्चा है कि संघ की तर्ज पर काम करने वाले और कार्यकर्ता के रूप में बेहतर काम करते आए नए चेहरे को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है, ताकि प्रदेश में एक नई लीडरशिप तैयार की जाए। लोकसभा चुनाव को देखते हुए मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व देने की भी चर्चा है।
पूर्व मंत्रियों को मिलेगा मौका
कैबिनेट में युवा चेहरों के साथ ही कुछ पुराने चेहरों को मौका देने की बात कही जा रही है। दरअसल, दो डिप्टी सीएम चयन जातिगत समीकरण के साथ ही उनके पिछले कार्यकाल के परफार्मेंस को ध्यान में रखते हुए ही किया गया। इसी तर्ज पर पिछले सरकार के मंत्रियों को भी मौका मिलेगा। इसमें जातिगत समीकरण के साथ ही क्षेत्रीय समीकरण को साधा जाएगा। गुरुवार को कई पूर्व मंत्री और विधायकों ने सीएम से मंत्रालय में मुलाकात की।
अब दिग्गजों का क्या होगा?
डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद सवाल यह है कि चुनाव जीतने वाले दिग्गज नेताओं का क्या होगा? पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की विधानसभा अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी तय हो गई है। हालांकि, कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। इनके अलावा सांसद से विधायक बने राकेश सिंह, रीति पाठक और राव उदयप्रताप सिंह को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं। इन सब पर केंद्रीय नेतृत्व ही निर्णय लेगा कि ये वापस केंद्र में जाएंगे या फिर मध्य प्रदेश में मोहन यादव कैबिनेट में शामिल होंगे। वहीं, चर्चा है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को आलाकमान केंद्र में कोई बड़ी भूमिका दे सकता है। शिवराज की प्रदेश की महिलाओं में लोकप्रियता को देखते हुए शीर्ष नेतृत्व कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगा।