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353 करोड़ कैश रखने वाले धीरज साहू ने पहली बार खोला मुंह, जानें कौन-कौन से खोले राज

रांचीः

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़े व्यापारिक समूह के झारखंड और ओडिशा स्थित विभन्न ठिकानों पर आयकर छापेमारी में करोड़ों रुपये बरामद हुए हैं। सांसद धीरज साहू ने शुक्रवार को पहली बार मीडिया के सामने इस मामले में अपना पक्ष रखा। उनका दावा है कि आयकर विभाग की ओर से बरामद पैसा उनके परिवार से संबंधित व्यवसाय का है। इस कैश का कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है।
धीरज साहू और उनके परिवार से जुड़ी फर्म से आईटी की टीम ने 353 करोड़ रुपये कैश बरामद किए थे। बीजेपी की ओर से इस कैश को ‘काला धन’ बताए जाने धीरज साहू ने कहा कि यह आयकर विभाग तय करेगा। समय आने पर सारी चीजें स्पष्ट हो जाएगी।

कैश व्यक्तिगत नहीं, परिवार से जुड़ी कंपनी का है

सांसद धीरज साहू ने कहा कि वे 1977 में ही राजनीति में आ गए थे। लेकिन 30-35 वर्षों से सक्रिय राजनीति में है। उनके बड़े भाई शिव प्रसाद साहू दो बार रांची के सांसद रहे। पिता बलदेव साहू बड़े समाजसेवी थे। उन्होंने हमेशा गरीबों की मदद की। परिवार ने रांची, लोहरदगा और और ओडिशा में कई विकास कार्य किए। कई स्कूल और कॉलेज खोले। धीरज साहू ने कहा- ‘यह पैसा व्यक्तिगत रूप से मेरा नहीं है। यह परिवार से जुड़ी कंपनी का है।

'…काला धन हो या सफेद धन, परिवार का पैसा है', कैश के कुबेर कांग्रेस सांसद धीरज साहू की पहली प्रतिक्रिया

पूछताछ के लिए बुलाने पर देंगे पूरा हिसाब

सांसद धीरज साहू ने कहा कि उनका संयुक्त परिवार है। परिवार में छह भाई और उनके बच्चे हैं। वे केवल राजनीति पर ध्यान देते हें। व्यवसाय उनके परिवार के सदस्य देखते हैं। वे बस बीच में कभी-कभी बिजनेस के बारे में पूछ लेते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि बलदेव साहू-शिव प्रसाद साहू एंड संस और रितेश साहू नामक फर्म उनके रिश्तेदार का है। शराब बनाने का व्यवसाय है। यह पूरी तरह से पारदर्शी है। धीरज साहू का कहना है कि चूंकि शराब का पूरा कारोबार कैश से चलता है, इसलिए आयकर कार्रवाई में जो कैश मिला है, इसी कारोबार का है। परिवारवालों से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार वह पैसा महुआ खरीदने और अन्य कार्याें के लिए रखा गया था। इसमें छुपाने जैसा कुछ भी नहीं है, जो पैसा कैश बरामद हुआ है, समय आने पर परिवार वाले उसका हिसाब आयकर विभाग को देंगे। वे भी जनता को इसके बारे में जानकारी देंगे। इस संबंध में जब भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, पूरा हिसाब दूंगा।

जियो फिजिकल इंस्टूमेंट से भी ली गई तलाशी

आयकर विभाग ने सांसद धीरज साहू से जुड़ी कंपनियों के विभिन्न ठिकानों पर छह दिसंबर से छापेमारी शुरू की थी। उनके घर और ठिकानों पर तलाशी ली गई। इस दौरान करोड़ों कैश और जेवरात किए गए। बताया जा रहा है कि 353 करोड़ रुपये कैश बरामद किए गए हैं, लेकिन अभी तक आयकर विभाग की ओर से इसकी औपचारिक रूप से जानकारी नहीं दी गई। आयकर विभाग की टीम ने जिओ फिजिकल इंस्टूमेंट से उनके रांची और लोहरदगा स्थित घर की भी तलाशी ली।

'हमारे पास कैश का हिसाब'

कांग्रेस सांसद ने कहा, 'मेरा शराब का कारोबार है, जिसे मेरे परिवार और रिश्तेदार करते हैं. आपको भी पता होगा कि शराब के कारोबार में कैश में ही लेनदेन होता है. मेरी फर्म 100 साल से ज़्यादा समय से कारोबार कर रही है. ये जो पैसा पकड़ा गया है, ये उसी का है. इसका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. हमारे पास इसका हिसाब है और जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ़ से कहा जाएगा, हमारे परिवार के लोग हिसाब देंगे. इनकम टैक्स बताएगा कि ये काला धन है या नहीं.'

'बरामद पैसा मेरी फर्म का'

धीरज साहू ने कहा, वह कहते हैं, '…आज जो हो रहा है वह मुझे दुखी करता है. मैं स्वीकार कर सकता हूं कि जो पैसा बरामद किया गया है वह मेरी फर्म का है. जो नकदी बरामद की गई है, वह मेरी शराब फर्मों से संबंधित है. यह शराब की बिक्री से कमाया गया था.'

'कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं'

कांग्रेस के साथ संबंधों से इनकार करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा, 'इस पैसे का कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है जैसा कि कहा जा रहा है. यह सारा पैसा मेरा नहीं है. मेरा परिवार काफी बड़ा है. यह मेरे परिवार और अन्य संबंधित फर्मों का है. अब आयकर ने छापा मारा है तो मैं हर बात का हिसाब दूंगा.'

'मैं बिजनेस लाइन में नहीं हूं'

नकदी के कालाधन होने के भाजपा के आरोप पर वह कहते हैं, 'मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह पैसा मेरे परिवार की व्यावसायिक कंपनियों का है. आयकर विभाग का पक्ष आने दीजिए चाहे यह 'काला धन' हो या ' 'सफेद धन'. मैं बिजनेस लाइन में नहीं हूं. इसका जवाब मेरे परिवार के सदस्य देंगे.

'जल्दबाजी के बजाय इंतजार करें'

कांग्रेस सांसद ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि लोग इस मामले को कैसे देख रहे हैं. लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस पैसे का कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है.' उन्होंने कहा कि अभी इनकम टैक्स विभाग घोषित रूप से नहीं कहा है कि रेड में मिला पैसा गैर-कानूनी है. ऐसे में जल्दबाजी करने के बजाय इंतजार किया जाना चाहिए.

'जनता का पैसा वापस लौटाना पड़ेगा'

कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर छापेमारी पर पीएम मोदी ने हाल में कांग्रेस पर हमला बोला था. सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट लिखकर पीएम मोदी ने कहा था, 'देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के 'भाषणों' को सुनें. जनता से जो लूटा गया है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है.'

आयकर विभाग की सबसे बड़ी रेड

बताते चलें कि धीरज साहू कांग्रेस सांसद होने के साथ शराब के बड़े कारोबारी भी हैं. आयकर विभाग ने भुवनेश्वर बेस्ड कंपनी बौद्ध डिस्टिलियरी प्राइवेट लिमिटेड (BDPL) पर छापेमारी शुरू की थी. रेड की यह आंच रांची में धीरज साहू के संयुक्त पारिवारिक आवास पर पहुंच गई थी, जिसमें उसे 351 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे. इस नकदी को गिनने के लिए कई बैंकों के कर्मचारियों को काम पर लगाना पड़ा था और साथ ही कई मशीनें इस काम में लगाई गई.

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