मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023 को है. ये इस साल की आखिरी पूर्णिमा होगी. मार्गशीर्ष पूर्णिमा इस साल बहुत खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग का संयोग बन रहा है, जो व्रती को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्रदान करेगा.
अगहन पूर्णिमा पर तीर्थ या किसी पवित्र नदी में स्नान कर के दान करने से पापों का नाश होता है, लक्ष्मी की प्राप्ति होती है. वहीं जो लोग इस दिन गीता का पाठ करते हैं वह मोक्ष को पाते हैं. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं, इनका महत्व और उपाय.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2023 शुभ योग (Margashirsha Purnima 2023 Shubh Yoga)
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन शुक्ल योग, ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है. इन शुभ योग में भगवान विष्णु, लक्ष्मी जी और चंद्रमा की पूजा करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव में कमी आती है. वहीं इस दिन गीता जयंती और मां अन्नपूर्णा जयंती भी है. ऐसे में व्रती को धन के साथ अन्न से परिपूर्ण रहने का वरदान भी प्राप्त हो सकता है.
शुक्ल योग – 26 दिसंबर 2023, सुबह 04.23 – 27 दिसंबर 2023, सुबह 03.22, इसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो जाएगा.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा है 32 गुना फलदायी (Margashirsha Purnima Upay)
पुराणों के अनुसार अगहन पूर्णिमा पर व्रत, पूजा सत्यनारायण कथा करने वाले दीर्धायु होते हैं. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र सरोवर में स्नान करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन किया गया दान अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना फलदायी होता है. यही वजह है कि इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक विकास, आंतरिक परिवर्तन और ग्रहों के हानिकारक प्रभावों को कम के लिए विशेष रूप से शक्तिशाली है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Margashirsha Purnima 2023 Muhurat)
मार्गशीर्ष पूर्णिमा डेट | 26 दिसंबर 2023 |
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि शुरू | 26 दिसंबर 2023, सुबह 05 बजकर 46 |
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि समाप्त | 27 दिसंबर 2023, सुबह 06 बजकर 02 |
स्नान मुहूर्त | सुबह 05.22 – सुबह 06.17 |
अभिजित मुहूर्त | दोपहर 12.00 – दोपहर 12.42 |
सत्यनारायण पूजा | सुबह 09.46 – दोपहर 01.39 |
चंद्रोदय समय | शाम 04.45 |
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त | रात 11.54 – देर रात 12.49, 27 दिसंबर |