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Bandhavgarh: कोहरे से बढ़ा शिकार का खतरा, बांधवगढ़ में विंटर अलर्ट, 700 श्रमिकों की तैनाती

  1. कोहरे से बढ़ा शिकार का खतरा, बांधवगढ़ में विंटर अलर्ट
  2. पर्यटन जोन के अलावा जंगल के दूसरे हिस्सों पर भी रखी जा रही नजर
  3. वन विभाग के अमले के साथ सात सौ श्रमिकों की तैनाती भी की गई

उमरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/ , टाइगर स्टेट के सबसे ज्यादा बाघों वाले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों का शिकार न होने देने के लिए विंटर अलर्ट घोषित कर दिया गया है। वजह यह है कि आम तौर पर ठंड के मौसम में कोहरे का फायदा उठाकर शिकारी वन्य जीवों का शिकार करते हैं, इसलिए विंटर अलर्ट की घोषणा के बाद नेशनल पार्क के सभी रेंज अधिकारी गश्त कर रहे हैं। इनके साथ वन विभाग का अमला और लगभग 700 श्रमिकों की टीमें बनाई गई हैं।

कोहरे में बाघों की सुरक्षा की चिंता

टाइगर रिजर्व के सभी वाच टावर पर भी श्रमिकों की तैनाती की गई है। बांधवगढ़ के 20 प्रतिशत हिस्से में ही पर्यटन होता है, शेष 80 प्रतिशत हिस्से में घना वन है, जहां सबसे ज्यादा वन्य जीव निवास करते हैं। इस क्षेत्र के बाघों की सुरक्षा की चिंता खास तौर पर ठंड के दिनों में हर साल बढ़ जाती है। कोहरे का लाभ उठाकर शिकारी शिकार की कोशिश करते हैं। इसको देखते हुए अलर्ट किया गया है।

विंटर अलर्ट

विंटर अलर्ट के अंतर्गत टाइगर रिजर्व में कुल 210 पेट्रोलिंग कैंप, वायरलेस स्टेशन, बैरियर एवं वाच टावर बनाए गए हैं। जंगल के अलग-अलग हिस्सों में वन अमले के साथ श्रमिक पैदल गश्त कर रहे हैं। जंगल के उन हिस्सों को चिह्नित किया गया है, जहां से शिकारियों के जंगल के अंदर प्रवेश करने की आशंका रहती है। गौरतलब है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की सबसे मशहूर मादा बाघ सीता को शिकारियों ने मार दिया था। सीता के अलावा धमोखर वाली बाघिन और मानपुर क्षेत्र में एक बाघ का शिकार तीन वर्ष पहले किया गया था। इसके अलावा कई अन्य छोटे वन्य प्राणियों का शिकार भी जंगल में हो चुका है।

हाईटेंशन लाइन से भी खतरा
ऐसे वनक्षेत्र जहां पर हाई वोल्टेज विद्युत लाइन गुजरती है, वहां पर भी विंटर अलर्ट के अंतर्गत श्रमिकों द्वारा दिन-रात सतत निगरानी की जा रही है। श्रमिकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से उन्हें गमबूट एवं फाइबर स्टिक दिया गया है। हाई वोल्टेज लाइन की निगरानी इसलिए जरूरी हो जाती है, क्योंकि कई बार शिकारी विद्युत लाइन से जंगल में करंट फैला देते हैं, जिसकी चपेट में आने से वन्य प्राणियों की मौत हो जाती है। इसके लिए शिकारी जीआई तार का उपयोग करते हैं और लाइन के नीचे छोटी-छोटी खूंटी लगाकर उसमें तार बांध देते हैं।

डेरों पर भी रखी जा रही नजर
जंगल के आसपास डेरा जमाने वालों पर भी वन विभाग के अधिकारी नजर रख रहे हैं। बताया गया है कि डेरा जमाने वाले लोग जंगली जानवरों का शिकार करते हैं और फिर उनके अंगों की तस्करी करते हैं। टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा का कहना है कि जंगल के जीवों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

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