- भाजपा ने 70 से अधिक के जिताऊ उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया
- कांग्रेस विधायकों में सर्वाधिक 76 वर्ष की उम्र के कमल नाथ
- भाजपा और कांग्रेस के 70 से अधिक उम्र के 15 विधायक बने
Elections madhya pradesh mp election result 13 won out of 16 bjp candidates above 70 years of age also two mla from congress: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश में भाजपा के जिताऊ प्रत्याशियों के लिए पार्टी ने अधिक उम्र का बंधन नहीं लगाया। 70 वर्ष से अधिक उम्र के 16 प्रत्याशियों को पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा था। उनकी जीत में उम्र कहीं आड़े नहीं आई। तीन को छोड़ 13 प्रत्याशी बड़े मतों के अंतर से जीते। इनमें रीवा जिले की गुढ़ विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रहे नागेंद्र सिंह (82) सबसे बुजुर्ग हैं।
हारने वालों में माया सिंह, गौरीशंकर बिसेन और अंतर सिंह आर्य हैं। माया सिंह और बिसेन भाजपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। जीतने वालों में नागेंद्र सिंह (गुढ़), गोपाल भार्गव, गिरीश गौतम, नागेंद्र सिंह (नागौद), जगन्नाथ रघुवंशी, डा. सीतासरन शर्मा, पारस जैन, अजय विश्नोई, पन्नालाल शाक्य, बालकृष्ण पाटीदार, मधु वर्मा, जयंत मलैया और बिसाहू लाल सिंह हैं। जीते उम्मीदवारों में कुछ को मंत्रिमंडल में भी जगह मिलने की भी उम्मीद है।
उधर, कांग्रेस विधायकों में सर्वाधिक 76 वर्ष की उम्र के कमल नाथ हैं। इसके बाद 74 वर्ष के भंवर सिंह शेखावत हैं। इस तरह भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की बात करें तो 70 से अधिक उम्र के 15 विधायक बने हैं।
भाजपा ने जिताऊ उम्मीदवारों को टिकट देने में कोताही नहीं बरती
टिकट वितरण के पहले यह माना जा रहा था कि भाजपा युवाओं को अवसर देने के फेर में 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले दावेदारों के टिकट काट सकती है, पर ऐसा नहीं हुआ। अधिकतर जिताऊ उम्मीदवारों को पार्टी ने चुनाव लड़ाया और वे जीते। इसकी बड़ी वजह अधिक उम्र के बावजूद क्षेत्र में उनकी सक्रियता रही।
70 वर्ष का फार्मूला लागू होने के डर से कुछ दावेदारों ने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 73 वर्ष की उम्र में भी इतने सक्रिय हैं तो हम भी चुनाव जीत सकते हैं। पार्टी ने सबसे पहले 70 वर्ष से अधिक आयु के जगन्नाथ रघुवंशी का अशोकनगर जिले की चंदेरी सीट से टिकट घोषित किया, तभी से यह आशा थी कि भाजपा उम्र का कोई बंधन नहीं लगाएगी।