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Bank Fraud : असिस्टेंट मैनेजर ने खुद की बैंक में किया गबन, क्रेडिट कार्ड से कर डाला एक करोड़ का फ्रॉड

  1. असिस्टेंट मैनेजर ने एक करोड़ रुपये का गबन किया
  2. क्रेडिट कार्ड के जरिए इतना बड़ा गबन किया
  3. क्रेडिट कार्ड का भुगतान ना होने पर खुलासा

National bank fraud case assistant manager embezzled money from his own bank committed fraud of rs 1 crore through credit card: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ जोधपुर के यूनियन बैंक आफ इंडिया में असिस्टेंट मैनेजर ने करीब एक करोड़ रुपये का गबन कर दिया। असिस्टेंट मैनेजर ने फर्जी क्रेडिट कार्ड के जरिए इतना बड़ा गबन किया। क्रेडिट कार्ड की लिमिट पांच लाख रुपये थी। क्रेडिट कार्ड का भुगतान लंबे समय से नहीं हो पाया तो बैंक ने पड़ताल की। उसके बाद असिस्टेंट मैनेजर की इस करतूत का खुलासा हो पाया।

जोधपुर के सोजती गेट ब्रांच के मैनेजर ने तुरंत ब्रांच के असिस्टेंट मैनेजर आकाश वर्मा के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। बैंक प्रबंधन ने आकाश वर्मा पर कार्रवाई करते हुए असिस्टेंट मैनजर के पद से निलंबित कर दिया।

आरोपी आकाश वर्मा ने 2 साल पहले बैंक के साथ फ्रॉड करने की शुरुआत की थी। अब बैंक प्रबंधन ने आकाश वर्मा के पहले के कामों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। बैंक प्रबंधन की जांच में यह सामने आया है कि उसने 20 क्रेडिट कार्ड इश्यू करवाए थे, जिनकी लिमिट 5 लाख रुपये तक की थी। शास्त्री नगर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।

बैंक अधिकारी कर रहे गबन का ऑडिट

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बासनी और जालोरी गेट की यूनियन बैंक की दो शाखाओं में यह गबन हुआ है। आरोपी आकाश वर्मा यूनियन बैंक की जोधपुर की सोजती गेट ब्रांच में अप्रैल 2023 से बतौर असिस्टेंट मैनेजर काम कर रहा है। आकाश वर्मा ने बासनी ब्रांच में 35 लाख की हेराफेरी की है। पुलिस ने बासनी और जालौरी गेट ब्रांच से संबंधित सभी रिकॉर्ड मंगवाकर जांच शुरू कर दी है। बैंक अधिकारी ऑडिट कर गबन का पता लगाने में जुटे हैं।

इस तरह करता था फ्रॉड

असिस्टेंट मैनेजर आकाश वर्मा ने फर्जी डॉक्युमेंट बनाकर 20 क्रेडिट कार्ड इश्यू करवाए लिए थे। इन क्रेडिट कार्ड्स की लिमिट 5 लाख रुपये थी। वह फर्जी डॉक्युमेंट से बने इन क्रेडिट कार्ड्स को खुद ही वैरिफाई किया करता था। इन क्रेडिट कार्ड के जरिए दोस्तों व रिश्तेदारों को शॉपिंग करवाता था और उनसे कैश लिया करता था। बैंक ने क्रेडिट कार्ड के रुपये वसूलने के लिए बकायदारों की जांच शुरू की तो मामले का खुलासा हुआ।

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