- हाईकोर्ट ने कहा- लिंग परिवर्तन सर्जरी के लिए एक माह में नियम बनाए सरकार
- महिला कांस्टेबल को डीजीपी के आदेश में संशोधन को अर्जी के लिए दी अनुमति
National uttar pradesh female constable gender change case allahabad high court notice to up government: digi desk/BHN/प्रयागराज/ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिंग परिवर्तन सर्जरी के संबंध में नियम बनाने के लिए योगी सरकार को एक महीने का समय दिया है। दरअसल, राज्य पुलिस की महिला कांस्टेबल नेहा सिंह ने सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी की अनुमति मांगी है। इस याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस अजित कुमार ने यह आदेश दिया। अब 5 जनवरी, 2024 को प्रकरण की अगली सुनवाई होगी।
डीजीपी ने निरस्त की महिला सिपाही की अर्जी
इस मामले में राज्य सरकार ने अनुपालन हलफनामा दाखिल किया है। इसमें बताया गया कि महिला सिपाही की लिंग बदलने की अर्जी को डीजीपी ने निरस्त कर दिया है। इस पर अदालत ने अधिवक्ता को याचिका में संशोधन अर्जी दाखिल करने को कहा है। साथ ही डीजीपी के आदेश को चुनौती देने की अनुमति दी।
25 सितंबर को हुई थी मामले में सुनवाई
इससे पहले 25 सितंबर को इस मामले में सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधितरण, भारत संघ और अन्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में लिंग परिवर्तन सर्जरी के संदर्भ में योगी आदित्यनाथ सरकार को नियम बनाने के लिए कहा है। अदालत ने अगली तारीख तक लंबित आवेदन पर उचित फैसला लेने का निर्देश दिया था, लेकिन सुनवाई नहीं हो पाई थी।
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं देने पर पुनर्विचार याचिका
सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई है। अदालत ने 17 अक्टूबर को याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। तब पांच जस्टिस की संविधान पीठ ने समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने का आदेश रद्द कर दिया था।