- पाँच साल में ही देश में साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं
- भाजपा आज वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेन, स्टेशनों का कायाकल्प कर रही है
- कांग्रेस ने जानबूझ कर देश को गरीब रखा। रोटी, कपड़ा और मकान में ही उलझाए रखा
Madhya pradesh bhopal pm modi bhopal visit prime minister boosted the enthusiasm of narendra modis workers he fiercely attacked congress: digi desk/BHN/भोपाल/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया उन्होंने भारी संख्या में भाजपा महाकुंभ में शामिल होने आए कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया उन्होंने कहा कि देश विकास के पथ पर चल रहा है।
प्रधानमंत्री के भाषण की प्रमुख बाते
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण वाली पार्टी है, इसे मौका नहीं मिलना चाहिए, जहा भी गए उन्होंने हालात खबर कर दी है। भारत में पूरी दुनिया से बहुत निवेश आ रहा है, मप्र में बहुत संभावना है यह भी तेजी से विकास की राह पर चल रहा है, मप्र में बीमारु राज्य से बाहर निकला है।
कांग्रेस ने 50 साल पहले ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था, क्या कांग्रेस ने अपना वादा पूरा किया? भाजपा सरकार के पाँच साल में ही देश में साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। वंचितों को वरीयता की जो गारंटी मोदी ने दी है, उसे हमने एक के बाद एक कदम उठाकर पूरा किया है।
भाजपा आज आधुनिक सड़कें, चौड़े हाई-वे और एक्सप्रेस-वे बना रही है, लेकिन कांग्रेस इसकी आलोचना करती है। भाजपा आज वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेन, स्टेशनों का कायाकल्प कर रही है, भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन की प्रशंसा हर कोई कर रहा है, लेकिन कांग्रेस को ये भी नहीं पच रहा है। भाजपा ने नया भव्य संसद भवन बनाया, जिसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है लेकिन कांग्रेस इसका भी विरोध कर रही है। भारत कुछ भी नया करे, कोई भी उपलब्धि हासिल करे, कांग्रेस को कुछ भी पसंद नहीं आता।
भारत में गौरवपूर्ण काम पहले भी हो सकते थे, लेकिन कांग्रेस ने हमेशा एक परिवार के गौरव के लिए काम किया। कांग्रेस ने प्रजातंत्र को परिवारतंत्र बना दिया था। कांग्रेस की राजनीति अभाव और गरीबी में फलती-फूलती है। कांग्रेस ने जानबूझ कर देश को गरीब रखा। रोटी, कपड़ा और मकान में ही उलझाए रखा। जो मुश्किलें आपके माता-पिता से पहले की पीढ़ियों ने झेली हैं वो अब आपको और आपके बच्चों को ना झेलनी पड़े इसके लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार लगातार काम कर रही है।
कांग्रेस आज भी उसी पुराने ढर्रे और मानसिकता पर चल रही है। चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए इनके नेताओं के लिए गरीबों का जीवन मायने नहीं रखता, इनके लिए गरीब का जीवन एडवेंचर टूरिज्म है, गरीब की बस्ती पिकनिक मानने की लोकेशन है, किसान का खेत फोटो सेशन का मैदान बन गया है।
कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन ने नारीशक्ति वंदन अधिनियम बिल का समर्थन खट्टे मन से किया है। ये वही लोग हैं जिन्होंने 30 सालों तक इस बिल को पारित नहीं होने दिया। अब जब मजबूरी में उंगली उठानी पड़ी तो कह रहे हैं, ये क्यों नहीं है, वो क्यों नहीं है!
कार से उतरे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और महिलाओं से की बातचीत
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्यकर्ता महाकुंभ में मंच के सामने रथ पर सवार होकर पहुंचे
- पीएम मोदी को देखकर महिला कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत करना चाहा तो वे कार से उतर गए
- पीएम के कार्यक्रम में जितने लोग कार्यक्रम में शामिल थे, उतने ही लोग सड़कों पर भी उपस्थित रहे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैलीपैड पर उतरकर काफिले के साथ कार से मंच की ओर जा रहे थे, इसी बीच उत्साह और उमंग से लबरेज कार्यकर्ताओं को देख उन्होंने पहले कार से ही बाहर निकलकर हाथ हिलाकर कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। मोदी को देखकर महिला कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत करना चाहा तो वे कार से उतर गए, महिला कार्यकर्ताओं के बीच पैदल चलकर पहुंचे और उनका अभिनंदन स्वीकारा, कुछ देर महिलाओं से बात भी की।
रथ पर भी हुए सवार
प्रधानमंत्री मोदी कार्यकर्ता महाकुंभ में मंच के सामने रथ पर सवार होकर पहुंचे। रथ पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा साथ थे। रथ आमजन के बीच पहुंचा तो दोनों ओर जनसमुदाय से भरा पंडाल मोदी-मोदी के जयकारों से गूंज उठा। मंच पर आते ही सर्वप्रथम नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के लिए महिला कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया। महिला शक्ति की ओर से उन्हें अभिनंदन पत्र भी भेंट किया गया।
जितने लोग कार्यक्रम में, उतने ही सड़कों पर
पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सोमवार को जंबूरी मैदान में आयोजित कार्यकर्ता महाकुंभ में मध्य प्रदेश के 64,523 बूथों से आए कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जितने लोग कार्यक्रम में शामिल थे, उतने ही लोग सड़कों पर भी उपस्थित रहे। महाकुंभ में बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की उपस्थिति विशेषता रही।