- दूसरे देशों में चिकित्सा शिक्षा में पीजी करने में भी आसानी होगी
- 706 मेडिकल कालेजों को डब्ल्यूएफएमई की मान्यता मिल जाएगी
- मान्यता पत्र एवं प्रमाण पत्र भी मिलेगा
National students who graduate in medical education in india will be able to do medicine anywhere in world: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ देश में चिकित्सा शिक्षा में ग्रेजुएशन करने वाले विद्यार्थी अब अमेरिका, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया सहित दुनिया के किसी भी देश में डाक्टरी कर पाएंगे। इसके साथ ही उन्हें दूसरे देशों में चिकित्सा शिक्षा में पीजी करने में भी आसानी होगी। इसकी प्रमुख वजह यह है कि विश्व चिकित्सा शिक्षा संघ (डब्ल्यूएफएमई) ने देश की भारत की राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) को मान्यता दे दी है।
दूसरे देशों में भी बना सकेंगे करियर
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एनएमसी द्वारा रेगुलेट 706 मेडिकल कालेजों को डब्ल्यूएफएमई की मान्यता मिल जाएगी। इसके साथ ही देश में अगले 10 वर्षों में स्थापित किए जाने वाले नए मेडिकल कालेजों को भी डब्ल्यूएफएमई की मान्यता प्राप्त होगी। डब्ल्यूएफएमई की मान्यता मिलने से मेडिकल के विद्यार्थियों को दुनिया के किसी भी देश में करियर बनाने में मदद मिलेगी।
मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार
राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) को आधिकारिक रूप से मान्यता पत्र एवं प्रमाण पत्र भी मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार डब्ल्यूएफएमई मान्यता से देश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता एवं मानकों में सुधार होगा।
शैक्षणिक आदान-प्रदान भी हो सकेगा
भारत को मिली इस मान्यता के द्वारा चिकित्सा शिक्षा में ग्रेजुएशन करने चुके विद्यार्थियों को अन्य देशों में आगे की पढ़ाई और लोगों का इलाज करने का मौका भी प्राप्त होगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसके जरिए देश के मेडिकल कालेजों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति बढ़ जाएगी। इसके साथ ही मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में दूसरे देशों के साथ शैक्षणिक आदान-प्रदान की सुविधा भी प्राप्त होगी।