- चंद्रमा पर होने वाला सूर्योदय
- सूरज की रोशनी मिलते ही चलने लगेंगे उपकरण
- फिर इतिहास रचने की तैयारी में इसरो
National chandrayaan-3 waiting for sunrise at moon shiv shakti point isro aims to revive lander and rover: digi desk/BHN/बेंगलुरु/।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के लिए 21 और 22 सितंबर का दिन बहुत अहम होने जा रहा है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक बार फिर सूर्योदय होने जा रहा है। इसके साथ ही ISRO चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर एक बार फिर ‘जगाने’ की कोशिश करेगा।
इसके लिए वैज्ञानिकों ने तैयारी पूरी कर ली है। 21-22 सितंबर को चंद्रमा के शिव शक्ति पॉइंट पर सूर्योदय होगा और 22 सितंबर को लैंडर और रोवर एक बार फिर एक्टिव करने की कोशिश की जाएगी। यदि ISRO कामयाब होता है तो भी यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के अनुसार, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि जब शिव शक्ति पॉइंट पर सूरज उगेगा, जहां लैंडर और रोवर पार्क किए गए हैं। उपकरण फिर से सक्रिय हो जाएंगे। टीमें 21 और 22 सितंबर को उपकरणों को पुनर्जीवित करने का प्रयास करेंगी। हम 22 सितंबर को उपकरण को दोबारा चालू होते देखने की उम्मीद कर सकते हैं।’”
अभी चार्ज है दोनों की बैटरी
इसरो के अनुसार, “विक्रम और प्रज्ञान पर लगे उपकरणों की बैटरी सूरज की रोशनी से संचालित होती है। स्लीप मोड पर जाने से पहले दोनों की बैटरियों को चार्ज कर दिया गया था और सौर पैनलों को इस तरह से सेट किया गया है कि सूरज की पहली किरण उन पर पड़े।”
-200 डिग्री तापमान सहने की चुनौती
लैंडर और रोवर के पिछले दिनों -200 डिग्री तापमान का सामना करना पड़ा है। इस दौरान चंद्रमा पर भूगर्भीय हलचल भी हुई होगी। यदि दोनों एक्टिव होते हैं तो दोनों अगले 14 दिन चंद्र सतह का अध्ययन करेंगे और डेटा एकत्र करना जारी रखेंगे। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि सबकुछ ठीक रहना पर रोवर फिर से चंद्रमा की सतह के चारों ओर घूमना शुरू कर देगा।