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Cyber Crime: आवाज की क्लोनिंग कर ठगी का बढ़ा खतरा, फोन पर बात करते समय रहें सावधान..!

  1. आइटी हब बेंगलुरु और तेलंगाना में सामने आए आवाज की क्लोनिंग कर ठगी के मामले
  2. अब भोपाल साइबर क्राइम पुलिस लोगों को सतर्क करने जारी करेगी एडवाइजरी
  3. साइबर ठगी में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और डीप फेक तकनीक की मदद से आवाज को रिकार्ड किया गया था

Madhya pradesh bhopal cyber crime increased risk of fraud by cloning voice be careful while talking on phone: digi desk/BHN/भोपाल/ सावधान, आपकी आवाज की क्लोनिंग करने का खतरा बढ़ रहा है। हूबहू आपके जैसी आवाज निकालकर ठग आपके दोस्तों, परिचितों से ठगी कर सकते हैं या फिर आप भी इस तरह की ठगी का शिकार हो सकते हैं। इससे बचने के लिए फोन पर बात करते समय सतर्क रहने की जरूरत है।

सामने आए साइबर ठगी के मामले

दरअसल, तेलंगाना और बेंगलुरु में आवाज की क्लोनिंग कर रिश्तेदार और दोस्तों को फोन कर साइबर ठगी के मामले सामने आ चुके हैं। इन घटनाओं को देखते हुए साइबर क्राइम पुलिस भोपाल ने लोगों को सलाह दी है कि वह फोन पर बात करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें। साइबर क्राइम पुलिस ने आशंका जताई है कि क्रेडिट कार्ड और बीमा पालिसी का हवाला देकर ठग आवाज रिकार्ड कर सकते हैं।

आवाज को रिकार्ड कर क्‍लोनिंग

उल्लेखनीय है कि इन दोनों राज्यों में हुई साइबर ठगी में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और डीप फेक तकनीक की मदद से आवाज को रिकार्ड किया गया था। बाद में उसकी क्लोनिंग कर रिश्तेदारों और दोस्तों से रुपये मांगे गए थे।

जल्द ही एडवाइजरी जारी होगी

साइबर क्राइम पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की ठगी से सावधान रहने के लिए जल्द ही एडवाइजरी भी जारी की जाएगी। हालांकि साइबर पुलिस ने लोगों को सलाह दी कि वे अज्ञात नंबरों से अपरिचित और परिचित लोगों से आने वाले फोन पर बात करते समय जरा संभालकर बात करें। पुष्टि कर सकते हैं तो कर लें। धोखा खाने से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि तकनीक का उपयोग करते समय सतर्क रहें।

अनचाहे काल से बातचीत में ज्यादा सावधानी बरतें

साइबर क्राइम पुलिस उपायुक्त श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि सबसे ज्यादा आवाज की क्लोनिंग अनचाहे काल से होने की आशंका है। इसमें बिजली कंपनी के कर्मचारी बनकर, बीमा एजेंट, क्रेडिट कार्ड, बैंक अधिकारी बनकर, ऋण देने के नाम पर बातचीत करते हैं। इनसे बातचीत में सावधानी बरतें। कई बार ऐसे अनचाहे काल पर बातचीत करते समय लोग ध्यान नहीं देते हैं। इसका फायदा साइबर ठग उठाते हैं और उनकी आवाज के नमूने को रिकार्ड कर उसका उपयोग इस प्रकार की ठगी के लिए किया जा सकता है।

स्वर और आवाज की नकल बनाई जाती है

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आवाज का नमूना लेने के बाद साइबर ठग डीप फेक नाम की तकनीक की मदद से आवाज और बात करने के तरीके की नकल कर लेते हैं। फिर आवाज का उपयोग वह रिश्तेदार और दोस्तों को फोन करने में सीधे करते हैं। ठग आपातकालीन हालातों का हवाला देकर तत्काल मदद के नाम पर रुपये मांगते हैं। इसके अलावा मेरा पर्स घर पर रह गया, यूपीआइ एप काम नहीं कर रहा है। इस तरह से कोई भी झांसा देकर रुपये मांग लेता है। हालांकि अभी भोपाल समेत प्रदेश में ऐसे मामले सामने नहीं आए हैं।

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